पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। LALLURAM.COM की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. तेल नदी के सेनमूड़ा घाट पर निर्माणाधीन पुलिया का काम फिर शुरू कराया गया है. रणनीति बनाकर जून 2023 तक पूल का काम पूरा होने की फिर बात कही गई है. LALLURAM.COM की टीम ने पुल की बदहाली और ठेकेदार की मनमानी को प्रकाशित किया था, जिसके बाद जिम्मेदार आनन फानन में नींद से जागे और इंजीनियर को टीम के साथ भेजे.

दरअसल, तीन दिन पहले ने सेनमूड़ा घाट पर ग्रामीण एकत्र होकर बन्द पड़े तेल नदी के काम शुरू कराने सद्बुद्धि यज्ञ किया था. इस खबर को LALLURAM.COM ने प्रमुखता से उठाया था.

खबर के लगते ही जिला स्तर के अफसरों का आना तो शुरू हो ही गया था, लेकिन आज राजधानी से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग के सेतु शाखा के नए अधीक्षण अभियंता पदभार ग्रहण करने के पहले सप्ताह के भीतर आज देवभोग पहंचे. सीधे तेल नदी पहुंच कर पुल के काम का जायजा लिया.

अपनी मौजूदगी में ही डायवर्शन सड़क बनवाया, ताकि काम के समय लोगों को आवाज़ाही में आसानी हो. मौके पर उनके साथ विभाग के एसडीओ वीएस सोनी, साइड इंजीनियर और अनुबंधित ठेका कंपनी के लोग मौजूद थे. करीब दो घण्टे रुक काम शुरू करने के अलावा गति देने की कारगर रणनीति बनाई.

जून 2023 में पूरा करने का दावा
अधीक्षण यंत्री ने कहा कि कुल 325 मीटर स्लैब ढलाई करना है. 6 पिल्हर का फाउंडेशन तैयार है. बारी बारी से पिल्हर खड़ा कर हर माह दो स्लैब यानी 50 मीटर की ढलाई होगी. इस तरह से हम काम को आने वाले बारिश के पहले पूरा कर देंगे.

प्रदेश की सबसे लंबी पुल
प्रधान मंत्री सड़क विभाग के सेतु शाखा के रिकार्ड में लंबित सेनमूड़ा घाट का पुल ही है, जो सबसे लंबी है. 2017 माब स्वीकृत इस काम के डिजाइन में सुधार कर पुनः 2021 में नए सिरे से स्वीकृति दी गई थी.

कार्य का लागत 10 करोड़ 36 लाख है, जिसे राजधानी के गणपति कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाया जा रहा है. शुरुआती साल में ठेका कम्पनी ने काम ठीक ठाक की थी, लेकिन बाद में कॉन्ट्रक्टर की ढीली रवैये को देखते हुए खुद निर्माण करने आ रहा है. दो दिनों के भीतर सारी मशीनरी सामग्री भी पहंच जाएगी.

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