रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में धान खरीदी के तीसरे सप्ताह किसानों से समर्थन मूल्य पर 8 लाख 67 हजार 487 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. राज्य सरकार की धान खरीदी के समुचित व्यवस्था के चलते किसान उत्साह के साथ धान खरीदी केन्द्रों में पहुंच रहे हैं. धान बेचने के लिए अब उन्हें लम्बा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान बेचने वाले किसानों को अग्रिम में टोकन दिया जा रहा है. जिसके फलस्वरूप किसानों का धान सुविधाजनक ढंग से खरीदने का काम हो रहा है. धान खरीदी के साथ-साथ लगातार कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव भी चल रहा है.
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 नवंबर से चालू धान खरीदी सीजन में अब तक लगभग 2 लाख 61 हजार 346 किसानों से 8 लाख 67 हजार 487 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. धान के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 1777.59 करोड़ रुपये का भुगतान जारी कर दिया गया है.
गौरतलब है कि, राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 110 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन अनुमानित है. समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए प्रदेश में 25.91 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.18 लाख नये किसान है. राज्य में धान खरीदी के लिए 2538 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं. इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रुपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है.
खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि,18 नवम्बर को 30 हजार 895 किसानों से 1 लाख 10 हजार 251 मीट्रिक टन धान तथा ऑनलाइन प्राप्त टोकन के जरिए किसानों से 16 हजार 590 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. आगामी दिवस की धान खरीदी के लिए राज्य में धान उपार्जन के लिए 38 हजार 113 टोकन तथा तुंहर हाथ ऐप के जरिये 5689 टोकन जारी किए गए हैं. राज्य में धान खरीदी निर्बाध रूप से जारी है. अधिकारी धान खरीदी व्यवस्था पर निरंतर निगरानी रखे हुए हैं. सीमावर्ती राज्यों से अवैध धान परिवहन को रोकने के लिए चेक पोस्ट के जरिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
खाद्य सचिव वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव हो रहा है. अब तक 5 लाख 95 हजार 022 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डी.ओ. जारी किए गए हैं, जिसके एवज में उपार्जन केंद्रों से 2 लाख 60 हजार 849 मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है.
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