
रवि गोयल, जांजगीर-चांपा. सक्ती में आईटी की छापेमारी की सुर्खियां अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि अब सक्ती में कालेधन की चोरी का मामला सुर्ख़ियों में आ गया है. मंगलवार को सक्ती के धन्ना सेठ थाने में सूचना दिए बगैर थाने के आरक्षक को लेकर गांव के एक व्यापारी के दुकान में दबाव पूर्वक सीसीटीवी चेक कर रहे थे. दुकानदार के मना करने पर उसे धमकाने लगे. पीड़ित दुकानदार ने मामले की शिकायत एसपी कार्यालय में की है. शिकायत के बाद सक्ती की एएसपी गायत्री सिंह को जांच का जिम्मा सौंपा गया है.
प्राइवेट ठेके का दिखा असर एक ही दिन में माल बरामद
पूरा मामला सक्ती जिले के ग्राम पंचायत हरेठी का है. जहां आईटी की छापेमारी के दौरान सक्ती के धन्ना सेठ ने अपने रिश्तेदारों की मदद से एक कर्मचारी के घर मे बड़ी मात्रा में नगद ओर सोना छिपाया दिया था. मगर कर्मचारी के रिश्तेदार ने ही इसमे सेंध लगा दी और वहां से करोड़ों रुपये और सोना पार कर दिया. मामले की जानकारी जब सट्टा किंग को लगी तो उसने सक्ती थाने के आरक्षक को प्राइवेट ठेका दे दिया. आरक्षक ने भी पैसे की लालच में बिना अपने उच्च अधिकारियों को सूचना दिए काम पर लग गया और देर रात तक आरोपी तक पहुंच माल का पता लगा लिया.

शिकायत के बाद जागे जिम्मेदार
क्योंकि मामला कालेधन से जुड़ा हुआ है इसलिए थाने में सूचना दिए बगैर थाने के आरक्षक को प्राइवेट ठेका दे दिया गया मगर आरक्षक की एक गलती ने पूरे मामले में रायता फैला दिया. चोरी हुए कालेधन तक पहुंचने आरक्षक ने हरेठी के श्रीनाथ रुई भंडार दुकान पहुंचकर दबावपूर्वक सीसीटीवी खंगालने लगा और सीसीटीवी के हार्डडिस्क को अपने साथ ले जाने की कोशिश की. दुकानदार के विरोध करने पर मौके पर उसे धमकाने की भी कोशिश की, जिससे नाराज दुकानदार ने तीन दिन बाद पूरे मामले की शिकायत एसपी से कर दी और पर्दे के पीछे का खेल सबके सामने आ गया.
एसडीओपी और आरक्षक पर ये आरोप
पूरे मामले में पीड़ित दुकानदार ने आरक्षक के अलावा सक्ती के उच्च अधिकारी पर भी धमकाने ओर झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया है, मामले में जब अधिकारियों से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि मंगलवार को चक्का जाम ( लॉ एन ऑर्डर) में उनकी ड्यूटी लगी थी. जहां से लौटते वक्त हरेठी में भीड़ को देखकर वो कुछ देर वहां रुके थे, जिसके बाद वहां से वो निकल गए.
घटना के बाद गांव से 4 लोग लापता
वही इस पूरे मामले में दुकानदार की शिकायत के बाद एक नया मोड़ ले लिया है और मामले में जांच शुरू हो चुकी है. मगर पूरे मामले में एक बड़ा सवाल सामने आ रहा है कि जांच की आंच कहां तक पहुंचती है, क्योंकि पूरे मामले में खाकी पर लगे दाग के साथ साथ कालेधन की चोरी ओर मकान में रहने वाले 4 लोगों के गांव से अचानक गायब होने की खबर भी सामने आ रही.
जिले की पुलिस विभाग सवालों के घेरे में
मंगलवार को हुए इस घटनाक्रम ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है,जहां थाने का आरक्षक सुबह से रात तक धन्ना सेठ के लिए प्राइवेट डयूटी करता है ओर थाने के टीआई को इसकीं भनक तक नही लगती,इतने बड़े घटनाक्रम को लेकर सक्ती जिले के उच्चाधिकारी भी तीन दिन तक पूरे मामले से अनजान बने रहे मगर दुकानदार की शिकायत के बाद मामला पर्दे से बाहर आया है और पुलिस ने मामले में जांच शुरू की है.
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