रायपुर. हिंदू पंचांग के अनुसार 22 नवंबर को ग्रह-नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है. पंचांग के अनुसार 11 बजकर 12 मिनट से रात्रि 23 बजकर 09 मिनट तक विशाखा नक्षत्र में किए कार्य पूर्ण होंगे.  विशाखा का अर्थ होता है- विभाजित या एक से अधिक शाखाओं वाला. आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से सोलहवां विशाखा नक्षत्र है. इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह विवाह आदि के समय सजाये गए घर के मुख्य द्वार को माना जाता है, जबकि इसका संबंध विकंकत के पेड़ से बताया गया है. ये कटीला झाड़ीदार वृक्ष है, जिसे कई स्थानों पर पिण्डारा के नाम से भी जाना जाता है.

 विशाखा नक्षत्र को शक्ति, समृद्धि, सुंदरता, उपलब्धियों और खुशियों के साथ जोड़कर देखा जाता है. इस नक्षत्र के दौरान विवाह आदि मांगलिक कार्य, कारीगरी, चित्रकारी और औषधी से संबंधित कार्य आरंभ करना शुभ माना जाता है. विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं और इसकी राशि तुला है.   आज के दिन विशाखा नक्षत्र में जन्मे लोगों या जिनके नाम का पहला अक्षर ‘त’ हो, उन लोगों को विककंत के पेड़ की उपासना करनी चाहिए. अगर आपको कहीं विककंत का पेड़ न मिले तो आप आंखें बंद करके मन-मन में विकंकत का 11 बार नाम लें. इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी.