सुरेन्द्र जैन, धरसींवा। राजधानी रायपुर में व्यवस्था की घोर लापरवाही सामने आई है, जिसने दुनिया का पेट पालने वाले अन्नदाता किसान के अंगदान की अंतिम इच्छा को भी पूरा नहीं होने दिया. अंत में भारी मन से मृत किसान की बेटियों ने शाम को उनका अंतिम संस्कार किया.

दरअसल, राजधानी रायपुर से लगे धरसीवा के दतरेंगा निवासी किसान व पूर्व सरपंच बालाराम कुंजाम ने अपने जीवित रहते ही 6 साल पूर्व 2016 में अपना अंगदान करने का निर्णय परिवार की सहमति से लिया था. उन्होंने इसके लिए बाकायदा पूर्व सूचना देकर रसीद भी कटा ली थी, लेकिन मृत्यु उपरांत उनकी अंतिम इच्छा व्यवस्था की लापरवाही की भेंट चढ़ गई.

पंचायत व पुलिस से बनवाया अनापत्ति

अंग दान करने की घोषणा करने वाले अन्नदाता किसान एवं दतरेंगा के पूर्व सरपंच बालाराम कुंजाम का शुक्रवार 25 नबंवर की अल सुबह स्वर्गवास हो गया. बेटी दामाद ने बालाराम की अंतिम इच्छा पूरी करने देहदान की रसीद पर दिए नम्बरों पर संपर्क किया. लैंडलाइन नम्बर तो किसी ने रिसीव नहीं किया, लेकिन एक कर्मचारी के मोबाइल नम्बर पर संपर्क होने पर उन्होंने मृतक के बेटी दामाद से ग्राम पंचायत और पुलिस थाने की ओर से अनापत्ति प्राप्त कर भेजने को कहा.

मृतक के दामाद फत्तेलाल ठाकुर ने मुजगहन थाना ओर ग्राम पंचायत दतरेंगा से पंचनामा अनापत्ति बनवाकर तुंरन्त भेजा. इसके बाद बेटी दामाद ने दिनभर कॉल किया, लेकिन शाम 4 बजे तक इंतजार करने के बाद भी मृतक का शरीर लेने कोई नहीं पहुंचा.

बेटियों ने दिया कांधा

अन्नदाता किसान बालाराम कुंजाम का शरीर लेने जब कोई नहीं आया, दूसरी ओर शाम के चार बजे गए तो उनकी बेटी पुष्पा नेताम, पारस नेताम, निरूपा ठाकुर और मोती नेताम ने कांधा देकर उनका विधिवत अंतिम संस्कार किया. अंतिम वक्त तक बेटियों व दामाद को दुख रहा कि दुनिया को अन्नदान करने वाले किसान के अंग दान की अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो पाई, क्योंकि व्यवस्था लाचार और अपंग थी.