श्रीहरिकोटा। ISRO ने शनिवार को 44.4 मीटर लंबे PSLV-C54 रॉकेट के जरिए ओशनसैट-3 के साथ 8 नैनो सैटेलाइट्स को लॉन्च किया. इसमें भूटान के लिए एक खास रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट भूटानसैट भी शामिल है. इस सैटेलाइट से भूटान को निर्माण कार्यों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी.
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से रविवार सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस रॉकेट को लॉन्च किया गया. जिसके बाद करीब 11 बजे तक इसने सफलतापूर्वक सैटेलाइट को उनकी कक्षा में स्थापित करने का काम किया. इस पूरे प्रोसेस में करीब 56 मिनट का वक्त लगा.
ओशनसैट-3 सैटेलाइट को ओशनसैट-2 के खराब होने के बाद लॉन्च किया गया है. करीब 1 हजार किलो की यह सैटैलाइट समुद्री सतह के तापमान और इसे लेकर तमाम तरह की जानकारियों को इकट्ठा करेगी. इससे प्रदूषण और हानिकारक तत्वों की जांच हो पाएगी. इस सैटेलाइट का वजन करीब 1 हजार किलो है.
वहीं बात करें भूटानसैट की तो इस नैनो सैटेलाइट में रिमोट सेंसिंग कैमरे लगे हैं, इसे लेकर भारत ने भूटान को टेक्नोलॉजी शेयर की थी. इस नैनो सैटेलाइट का काम कई तरह की जमीनी जानकारी देना है. रेलवे ट्रैक, पुल और अन्य जरूरी निर्माणों को लेकर इसकी मदद ली जाएगी.
44.4 मीटर लंबे PSLV-C54 रॉकेट में प्राइवेट कंपनी का सैटेलाइट भी लॉन्च किया गया है. इसमें बेंगलुरु बेस्ड कंपनी पिक्सल का आनंद सैटेलाइट लॉन्च किया गया है. इसके अलावा बाकी के नैनो सैटेलाइट भी अलग-अलग स्पेस कंपनियों ने तैयार किए हैं. इस मिशन को इस साल यानी 2022 के लिए इसरो का आखिरी मिशन बताया जा रहा है.