अमृतांशी जोशी,भोपाल। द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर टिप्पणी के मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की एंट्री हुई है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई. मुंह में सोने की चम्मच लेकर पैदा होने को दर्द समझ नहीं आएगी. मैं कश्मीर फाइल्स फिल्म पर टिप्पणी करने वाले फिल्म निर्माता नादव लैपिड के लिए बात कह रहा हूं. 90 के दशक में घर बार, कारोबार और अपनों को छोड़ने का जो दंश कश्मीरी हिंदुओं ने झेला है. उस पीड़ा और दर्द को हर भारतवासी के सामने सजीव रूप से फिल्म के माध्यम से पहुंचाया गया है.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि काश टिप्पणी करने वाले महोदय एक बार पीड़ित कश्मीरी पंडितों से मिले होते. उनके दर्द को महसूस किया होता. यह बयान अलगाववादी और टुकड़े टुकड़े मानसिकता वाली गैंग के लिए दिया गया प्रतीत होता है. आपके इस शर्मनाक बयान से पूरा देश आहत है.

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कांग्रेस में 2जी-3जी घोटाले के बाद जी लगाने की प्रथा खत्म

राहुल गांधी ने पूर्व सीएम कमलनाथ के नाम के आगे जी नहीं लगाया. जिस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि इसमें राहुल गांधी जी की कोई गलती नहीं है. कांग्रेस सरकार के समय 2जी और 3 जी घोटाले हुए थे. उसके बाद से ही उन्होंने जी लगाने की प्रथा ही बंद कर दी.

बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर नया विवाद शुरू हो गया है. ये विवाद IFFI इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया से शुरू हुआ, जब जूरी हेड ने फिल्म की निंदा की. उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को एक प्रोपेगेंडा और वल्गर फिल्म करार दिया है. IFFI के जूरी हेड और इजरायली फिल्ममेकर नादव लैपिड ने ये बात गोवा में आयोजित फिल्म फेस्टिवल समारोह के समापन पर कही. उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्म को इतने प्रतिष्ठित समारोह में दिखाए जाने से वो परेशान और हैरान रह गए.

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