रायपुर- मुख्य सचिव अजय सिंह ने आज मंत्रालय में स्वास्थ्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और नगर निगम रायपुर के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर कड़े निर्देश दिए है कि राजधानी रायपुर सहित राज्य के किसी भी क्षेत्र में पीलिया से किसी की भी मौत न हो यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ऐसे व्यवसायिक प्रतिष्ठान जिनमें एसीड का इस्तेमाल किया जाता है और इस्तेमाल के बाद नाली में बहा दिया जाता है, उनकी जांच कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। नाली में बहाए गए एसीड से पेयजल की पाईप लाईन को क्षति पहुंचती है और प्रदूषित पानी पाईप लाईन से होकर घरो तक पहुंच जाता है, जिस कारण पीलिया, डायरिया, टायफाइड जैसे कई बीमारियां फैलती है। मुख्य सचिव ने राज्य के समस्त निजी अस्पतालों को पीलिया के ईलाज के लिए अस्पताल में पहुंच रहे प्रभावितों की जानकारी संबंधित जिला प्रशासन को देने के निर्देश दिए है।

राजधानी रायपुर में जल जनित पीलिया एवं अन्य संक्रामक बीमारियां की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के विषय में स्वास्थ्य सचिव  निहारिका बारिक सिंह ने बताया कि राजधानी रायपुर के संवेदलशील बस्तियों में अलग-अलग स्थान पर स्वास्थ्य शिविर लगाएं जा रहे है। जहां प्रभावितों के रक्त का परिक्षण कर जरूरी दवाईयां उन्हें दी जा रही है। कलेक्टर रायपुर ओ.पी. चौधरी एवं नगर निगम आयुक्त रजत बंसल ने बताया कि रायपुर के झुग्गी बस्ती इलाकों के पाईप लाइन बदले जा रहे है। प्रचार माध्यमों (लाउडस्पीकर-माइक) के माध्यम से पानी उबालकर पीने और खुले में रखे हुए खाद्य पदार्थो का उपयोग नहीं करने की सलाह दी जा रही है। संवेदनशील क्षेत्रों में सप्लाई केन्द्रों का क्लोरिनीकरण किया जा रहा है। मोटर के दबाव से कई स्थानों पर पानी के साथ ही अन्य गंदगियों के भी पाईप लाईन में प्रवेश करने की संभावना होती है। इसलिए ज्यादा समय तक टूल्लू पंप चालू कर पानी नही खींचने की अपील भी जनता से की जा रही है। बैठक में सचिव नगरीय प्रशासन डॉ. रोहित यादव, सचिव स्वास्थ्य निहारिका बारिक, प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी पी.जी. कोसरिया, कलेक्टर रायपुर ओ.पी. चौधरी, नगर निगम आयुक्त रायपुर रजत बंसल सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।