रायपुर। पत्थलगढ़ी मामले में एकपक्षीय कार्रवाई को लेकर सर्व आदिवासी समाज नाराज हो गया है. सर्व आदिवासी समाज ने इस मामले में पत्थलगढ़ी को तोड़ने वाले और समाज को आक्रोशित करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है. सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने लल्लूराम डॉट कॉम से एक्सक्लूजिव बातचीत में कहा कि कुछ लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. जशपुर से लेकर बस्तर आदिवासी समाज एक हैं. जशपुर इलाके में किसी भी तरह से कोई धार्मिक भावनाएं नहीं भड़काई जा रही है न किसी प्रकार से धर्मांतरण चल रहा है.

नेताम ने कहा कि पत्थलगढ़ी मामले को जिस तरह से राजनैतिक रंग देकर इस पूरे मामले को संविधान विरोधी बताने की कोशिश की गई है वो गलत है.  यही नहीं भाजपा और आरएसएस के लोग ने जिस तरह से गांवों में जाकर आदिवासियों के बीच पत्थरगढ़ी को तोड़ा उससे ही वहां महौल खराब हुआ है. दरअसल जशपुर इलाके में मिशनरीज समाज के लोग पहले से ही बड़ी संख्या में है. ऐसे में उस इलाके में सवाल ही नहीं उठता कि किसी भी तरह से कोई धर्म परिवर्तन हो रहा है.

नेताम ने यह भी कहा कि इस मामले में एक नया संगठन सर्व सनातन आदिवासी कोई सामने आ गया है. इससे सर्व आदिवासी समाज का कोई लेना-देना नहीं है. सर्व आदिवासी समाज एक ही और कोई दूसरा समाज नहीं है. सरकार को इस मामले में निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए. जल्द इस मामले में सर्व आदिवासी समाज एक बैठक कर अपना रुख स्पष्ट करेगा.