रायपुर। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पौष माह में यदि भगवान सूर्यदेव की आराधना की जाए तो पुण्य एवं तेज की प्राप्ति होती है. जातक को धन, यश एवं ज्ञान मिलता है. पौष माह में सूर्य देव को अर्घ्य देने व इनका व्रत पारण करने का विशेष महत्व है. पौष मास 9 दिसंबर से शुरू हो गया है, जो 7 जनवरी 202& को समाप्त होगा.

रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा के लिए समर्पित होता है. हिंदू धर्म में सूर्य देव को पंचदेवों में एक माना गया है. सूर्य के प्रकाश से ही पृथ्वी पर जीवन है. इसलिए इनकी पूजा-उपासना करने से आध्यात्मिक लाभ होता है और व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है.

रविवार के दिन सूर्य देव को तांबे के लोटे में फूल, अक्षत, जल, मिश्री और सिंदूर मिश्रित जल से अघ्र्य देना चाहिए. साथ ही इस आप सूर्य देव के मंत्रों का जाप भी जरूर करें. यह फलदायी और लाभकारी होता है.

जानते हैं सूर्य देव के शक्तिशाली 5 मंत्रों के बारे में…

ओम हृां मित्राय नम:

ओम हूं सूर्याय नम:

ओम ह्रां हिरण्यगर्भाय नम:

ओम हृ: पूषणे नम:

ओम सवित्रे नम:

दान का विशेष महत्व

मंत्रों का जाप करते हुए इस बात का ध्यान रखें कि मंत्रों का उ’चारण सही तरीके से करें. साथ ही इस दिन पूजा में गुलाबी या केसरिया रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है. रविवार के दिन गरीब या जरूरतमंदों में लाल फूल, वस्त्र, गुड़, तांबे की वस्तु और गेहूं आदि का दान करें.

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