प्रदीप मालवीय, उज्जैन। जिले के सिंगावदा में ग्रामीणों ने रेल स्टॉपेज की मांग को लेकर रेलगाड़ी के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने सांसद व विधायक के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया। ग्रामीणों का कहना है कि सांसद और विधायक को कई बार अवगत करवाने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणो ने कहा कि इस बार के लोकसभा व विधानसभा चुनाव में नेताओं को हम गांव में घुसने नहीं देंगे।
कोरोना ने हर किसी व्यक्ति से कुछ न कुछ छीना ही है। किसी का व्यक्ति व किसी का व्यापार, लेकिन उज्जैन जिले की घट्टिया तहसील के ग्राम सिंगावदा के ग्रामीणों से कोरोना ने रेलवे स्टॉपेज छीन लिया ।कोरोना के पहले यहां उज्जैन – रतलाम जाने वाली हर लोकल गाड़ी रुकती थी। आसपास के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण यहां से रेल में चढ़ते थे। यह सिलसिला लगभग 35 साल से चला आ रहा था, लेकिन कोरोना काल में रेलवे ने सिंगावदा से स्टॉपेज को बंद कर दिया। जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे से ज्यादा परेशानी पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हो रही है। आधा सैकड़ा बच्चे रेल से स्कूल जाते थे। गांवों में सिर्फ प्राइमरी तक ही स्कूल है। बच्चे पढ़ने के लिए उज्जैन समेत अन्य जगह रेल से पढ़ने जाते थे। रेल के नहीं रुकने से कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है। इस परेशानी के चलते कई छात्र और छात्राएं पढ़ाई छोड़ चुके हैं। ग्रामीणों के साथ पूर्व सरपंच सत्यनारायण ने बताया कि 2010 में तत्कालीन जीएम ने स्थाई स्टॉप व प्लेटफार्म निर्माण का आदेश दिया था। नापजोख होने के बाद कोई भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी।
ग्रामीणों ने बताया कि रेल स्टॉपेज की मांग को लेकर रेलवे अधिकारी, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक रामलाल मालवीय को अवगत करा चुके हैं किंतु किसी ने भी सुध नहीं ली है। 15 दिसम्बर को डीआरएम के निरीक्षण के दौरान ग्रामीण मांगों से अवगत कराएंगे। ग्रामीणों ने कहा कि समस्या का निराकरण नहीं होने पर आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
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