मथुरा. एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति सोनू डेढ़ साल और उसका दोस्त गोपाल नौ माह जेल में रहा वह महिला आरती दौसा (राजस्थान) के विशाला गांव में मिली. मथुरा जिले की स्वाट टीम ने आरती को पकड़ लिया. अब आरती के पिता सूरज प्रसाद गुप्ता निवासी जिला-जालौन को खोजा जा रहा है.

बता दें कि 2015 में वह श्रीकृष्ण धर्मशाला गोशाला नगर अटल्ला चुंगी वृंदावन में किराए के मकान पर रह रहे थे. सूरज प्रसाद की बेटी आरती (25) 5 सितंबर 2019 को लापता हो गई थी. इस मामले में आरती के पिता ने सोनू सैनी, भगवान सिंह और अरविंद पाठक के खिलाफ वृंदावन कोतवाली में हत्या कर शव छिपाने की नीयत से फेंकने की धाराओं में केस दर्ज कराया. पुलिस ने सोनू और गोपाल को जेल भी भेज दिया. जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद पहला पति सोनू अपने दोस्त गोपाल के साथ आरती को ढूंढने का प्रयास करता रहा. अचानक एक दिन उसे सफलता मिल ही गई. उसने मेहंदीपुर बालाजी के विशाला गांव में उसे तलाश ही लिया. 

आरती यहां पिछले 7 साल से अपने दूसरे पति के साथ रह रही थी. मृत महिला के जिंदा होने की खबर पाकर स्वाट टीम प्रभारी अजय कौशल और वृंदावन कोतवाल विजय कुमार सिंह विशाला गांव पहुंच गए. पूछताछ के बाद पुष्टि होने पर महिला को हिरासत में ले लिया. पुलिस महिला को वृंदावन ले आई. 2015 की फाइलों को खंगाला जा रहा है. पुलिस सोमवार को आरती को कोर्ट में पेश करेगी. इसकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट भी कराएगी.

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सोनू ने बताया कि बालाजी में एक दुकान पर काम करने वाले विशाला गांव के युवक से उसके दोस्त गोपाल की मुलाकात हुई. बातों-बातों में युवक ने गोपाल से बताया कि हमारे गांव में रेबारी समाज के एक घर में यूपी के जालौन की युवती कुछ साल पहले शादी करके आई थी और तब से वहीं रह रही है. यह सब बातें गोपाल ने जब सोनू को बताईं तो दोनों ने मिलकर इस महिला का पता लगाने का प्लान बनाया. दोनों ने एक युवक को स्वच्छ भारत मिशन का कर्मचारी बताकर बिसाला गांव के उस घर में भेजा जहां आरती रह रही थी. 

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यहां इस युवक ने सरकारी योजना के तहत शौचालय बनाने और पैसा देने की बात कही तो घर के लोग लालच में आ गए. उन्होंने इस योजना के लिए घर की महिला मुखिया के दस्तावेज मांगे तो महिला ने अपने सारे कागजात उसे दे दिए. जब सोनू और गोपाल ने इन कागजातों को देखा तो सारा माजरा सामने आ गया. मामले का खुलासा करने के लिए दोनों ने बालाजी थाना इंचार्ज अजीत से मदद मांगी तो उन्होंने इसके लिए मथुरा पुलिस से संपर्क किया.

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