बिलासपुर. वर्दी की आड़ में पुलिसकर्मियों के फंड से लाखों का गबन करने वाली ASI को पुलिस ने उड़ीसा से धर दबोचा है. जानकारी के अनुसार शातिर एएसआई ने कर्मचारियों के जीपीएफ खाते से लगभग 59,75000 लाख निकाले थे. इतना ही नहीं एएसआई ने एसएसपी का फर्जी हस्ताक्षर और सील का भी इस्तेमाल कर पैसों की हेराफेरी की. आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के फण्ड शाखा प्रभारी सउनि मधुशीला सुरजाल अपने पदस्थापना के दौरान विभागीय भविष्य निधि के खाता धारकों के खाते में उपलब्ध धनराशि से अधिक धनराशि का आहरण औऱ भुगतान गलत होना जानते हुए भी उनके द्वारा फण्ड शाखा में न्यस्त होकर वित्तीय अनियमितता कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाया गया. साथ ही उनके द्वारा प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव के बिना आवेदन किए नोट शीट तैयार कर उसके जी.पी.एफ खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने के बावजूद 15,75,000 रुपये की धनराशि स्वीकृत कर निकाला गया. वहीं अन्य कर्मचारियों के भविष्य निधि के खाते से भी पर्याप्त धनराशि नहीं होने के बावजूद अधिक धनराशि निकालकर 59,75,000 का वित्तीय अनियमितता कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया.

वहीं अनियमितता के संज्ञान में आने पर सउनि मंधुशीला सुरजाल द्वारा आहरित धनराशि को भारतीय स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा बिलासपुर में जमा कराए जाने के संबंध में जांच किया गया. जांच में भारतीय स्टेट बैंक ने चालान एवं बैंक की सील जाली होने की जानकारी लिखित में दी. जांच प्रतिवेदन में फण्ड शाखा के रजिस्टर में आहरण संधारित न होने और नोट शीट में स्वीकृत राशि के अंक का लेखन और हस्ताक्षर अलग-अलग पाया गया. जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 477(क),120(बी) भादवि का घटित करना पाए जाने से अपराध पंजीबंद्ध कर विवेचना में लिया गया. विवेचना दौरान प्रकरण के आरोपी प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव पिता स्वर्गीय आरके श्रीवास्तव निवासी 27 खोली हनुमान मंदिर गली थाना सिविल लाइन जिला बिलासपुर को पूर्व में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है. प्रकरण की मुख्य आरोपीया मधुशीला सुरजाल फरार चल रही थी, जिसे ओडिशा के पदमपुर से गिरफ्तार किया गया है.