हेमंत शर्मा,इंदौर। फिल्म एजेंट विनोद की तर्ज पर इंदौर के संयोगितागंज पुलिस ने रैगिंग करने वाले सीनियर छात्रों का खुलासा किया था. महिला कांस्टेबल को स्टूडेंट और बाकी स्टाफ को कर्मचारी बनाकर रैगिंग करने वाले छात्रों की पहचान की गई थी. जिसके बाद 11 छात्रों पर नामजद एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि उन्हें जमानत दे दी गई थी. तो चलिए आपके आरक्षक शालिनी चौहान की एजेंट विनोद बनने की पूरी कहानी बताते हैं.

दरअसल इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की एंटी रैगिंग कमेटी में शिकायत हुई थी. कमेटी ने पूरी शिकायत इंदौर के संयोगितागंज थाने को दी. जिसमें पुलिस ने 24 जुलाई 2022 को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. संयोगितागंज थाना प्रभारी तहजीब काजी के मुताबिक लंबे समय तक जांच करने पर कोई भी सबूत हाथ नहीं लग रहे थे, ना ही रैगिंग करने वाले स्टूडेंट तक पुलिस पहुंच पा रही थी.

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इसलिए थाना प्रभारी ने 4 लोगों की टीम गठित कर अपने थाने की आरक्षक शालिनी चौहान को एमबीबीएस की स्टूडेंट बनाकर कॉलेज पहुंचाया. जूनियर छात्रों से दोस्ती करने की बात कही. इसके बाद महिला आरक्षक लगातार जूनियर छात्रों से मेल मुलाकात कर बारीकी से सबूतों को जुटाने का काम करती रही. आखिर में पुलिस ने रैगिंग करने वाले 11 सीनियर छात्रों की पहचान की और उन पर नामजद एफआईआर दर्ज कर हिरासत में ले लिया.

2014 में आरक्षक की पोस्ट पर हुई थी शालिनी चौहान भर्ती

2014 आरक्षक बैच की शालिनी चौहान ने बताया कि 1 महीने से लगातार वह सीनियर छात्रों पर अपनी नजर बनाए हुए थी. एजेंट विनोद फिल्म की तर्ज पर ही छात्रों के बीच रहती और उनसे बातचीत करती. कई सीनियर छात्रों ने भी शालिनी से बात करने की कोशिश की. उनका मोबाइल नंबर लेकर उनसे बातचीत की. शालिनी लगातार जूनियर छात्रों से रैगिंग करने के तरीके और कौन छात्र रैगिंग करते हैं इसकी जानकारी जुटाने में लगी थी. आखिरी में कुछ जूनियर छात्रों ने अलग-अलग छात्रों के नाम बताएं और रैगिंग करने के तरीके भी शालिनी को बता दिए. इसके बाद चालनी ने वरिष्ठ अधिकारियों के नॉलेज में पूरा मामला डाला और फिर एफआईआर दर्ज की गई.

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थाने के स्टाफ कैंटीन पर रखें नजर

इंदौर के संयोगितागंज थाना प्रभारी तहजीब काजी के मुताबिक कैंटीन में लगातार नजर बनाए रखना जरूरी था. इसके लिए शालिनी के अलावा तीन अन्य पुलिसकर्मियों को कैंटीन में साफ सफाई जैसे अलग-अलग कामों में लगा दिया गया. पूरी टीम ने एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद 11 छात्रों को चिन्हित कर उन पर नामजद एफ आई आर दर्ज करने में सफलता हासिल की. संभवतः मध्यप्रदेश में रैगिंग का भंडाफोड़ करने वाला यह पहला मामला है. जिसमें पुलिस ने एजेंट विनोद बनकर रैगिंग करने वाले छात्रों को धर दबोचा. पुलिस ने सीनियर छात्रों में प्रेम त्रिपाठी, ऋषभ राज, राहुल पटेल, उज्जवल पांडे, रोनक पाटीदार, प्रभात सिंह, क्रप्रांशु सिंह, चेतन वर्मा और अन्य 2 छात्र शामिल है.

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