रायपुर- कर्नाटक के चुनाव में यदि सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस बीजेपी के आक्रामक प्रचार को मजबूती से झेल रही है, तो उसके पीछे एक बड़ा मुद्दा कांग्रेस के पास हैं. वह मुद्दा है बेल्लारी. दरअसल बेल्लारी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हाईप्रोफाइल सीट मानी जा रही है. इसके पीछे वजह है खनन माफिया रेड्डी बंधुओं को दी गई टिकट. बेल्लारी जितनी विवादित हैं, उतनी ही चर्चित है यहां की विधानसभा सीटें भी और इन सीटों में बीजेपी प्रत्याशियों को जिताने का जिम्मा छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम को दिया गया है. बेल्लारी जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से चार सीटों पर जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी रामविचार नेताम पर हैं.
नेताम बीते एक पखवाड़े से बेल्लारी में डेरा डाले हुए हैं. रेड्डी बंधुओं में से जी सोमशेखर रेड्डी और बी रामलू बीजेपी की टिकट से चुनावी मैदान में हैं. जी जनार्दन रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार से दूर रहने कहा है. जनार्दन रेड्डी के प्रभाव वाले इलाके में विधानसभा की 15 सीटें मानी जाती हैं. लिहाजा वह बेल्लारी के करीब रहकर चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं. रेड्डी बेल्लारी की सीमा पर बैठकर ही अपने दोनों भाई करुणाकर रेड्डी और सोमशेखर रेड्डी के साथ-साथ अपने करीबी श्रीरामुलु के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं. इधर संगठन की ओर से रामविचार नेताम फ्रंट पर रहकर चुनावी प्रचार अभियान देख रहे हैं.
नेताम ना केवल अपने प्रभार वाले चारों विधानसभा सीटों का दौरा कर रहे हैं. बल्कि बीजेपी के पक्ष में समर्थन जुटाने की भी कवायद में जुटे हैं. गौरतलब है कि कर्नाटक में 12 मई को मतदान पड़ता है. बीजेपी ने दावा किया है कि कर्नाटक में कमल फूल खिलेगा. हालांकि जिस तरह से रेड्डी बंधुओं को पार्टी ने जिस तरीके से टिकट वितरित किया है, उससे बीजेपी की साख पर सवाल भी खड़ा हुआ है,