लखनऊ। हाल ही में उत्तर प्रदेश के तीन जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की गई थी। इन जिलों में आगरा गाजियाबाद और प्रयागराज शामिल थे। प्रणाली लागू होने के बाद अब यहां अफसरों की तैनाती के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। न सिर्फ पुलिस आयुक्त बल्कि एसीपी, डीसीपी और अन्य अफसरों की तैनाती भी कमिश्नरेट में की जा रही है। इसी क्रम में अब ये बात सामने आ रही है कि एक बार फिर से 2017 बैच के आईपीएस अफसरों को एसपी की बजाए डीसीपी के पद पर तैनात किया जा रहा है, जबकि हाल ही में तैनाती का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।

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13 अफसरों ने की थी सीएम से मुलाकात

जानकारी के मुताबिक, 2017 बैच में कुल 14 अफसर हैं। इसमें से 13 ने पिछले महीने सीएम से मुलाकात की थी। जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही इन अफसरों में से कुछ की तैनाती जिलों में की जाएगी लेकिन तबादला नहीं हुआ। इसी बीच तीन जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई। जिसके बाद आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में इस बैच के जो अफसर तैनात थे, उन्हें ही वहां पुलिस उपायुक्त बनाया गया है लेकिन जो जिलों में तैनात हैं वे अब भी अपर पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं।

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2021 में हो चुके हैं तैयार

बता दें कि, यह सभी 14 आईपीएस अधिकारी 2021 में ही एसपी बनने के लिए अर्ह हो चुके हैं, लेकिन इनकी तैनाती बतौर एएसपी ही रही। अब जब एक बार फिर से उन्हें एसपी के पद पर तैनाती नहीं मिली तो सवाल उठना लाजमी है। यही वजह है कि विभाग पर एक बार फिर से अब सवाल उठना शुरू हो गए हैं।

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