कर्ण मिश्र, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को मुकेश कुशवाहा की मौत के बाद चक्काजाम मामले में बरी कर दिया गया है. मामले में कोर्ट ने 3 आरोपियों को 2-2 साल की सजा सुनाई है. एक आरोपी का फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. जिला न्यायालय की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई की.
दरअसल 2007 में मुकेश कुशवाहा की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. जिसके बाद चक्काजाम किया गया था. जिस कारण बलवा, पथराव और शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज हुआ था. पुलिस ने 5 लोगों को आरोपी बनाया था. इसमें प्रद्युम्न सिंह तोमर का नाम भी शामिल था.
आज बुधवार को इस मामले की जिला न्यायालय की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. निर्दोष साबित होने पर ऊर्जा मंत्री तोमर ने न्यायालय के प्रति अपना आभार जताया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 3 आरोपियों को 2-2 साल की सजा सुनाई है. एक आरोपी के मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है.
बता दें कि 2007 में ग्वालियर थाना क्षेत्र में एक दुर्घटना में मुकेश कुशवाहा की मौत हो गई थी. युवक के परिजनों की हालत आर्थिक रूप बेहद कमजोर थी. परिवार को उचित मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेसी नेता के रूप में प्रद्युम्न सिंह तोमर ने चक्काजाम किया था. इसी मामले में बुधवार को उनकी पेशी थी. सुनवाई के बाद न्यायालय ने ऊर्जा मंत्री को बाइज्जत बरी कर दिया है.
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