कानपुर देहात. थाना शिवली स्थित लालपुर सरैंया निवासी व्यापारी बलवंत की मौत मामले में जबर्दस्त हंगामें के बाद देहात सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कानपुर देहात पुलिस समेत पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अकबरपुर लोकसभा सीट से सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा या है. उन्होंने कहा कि कानपुर देहात की पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती हैं.

देवेंद्र सिंह भोले ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि SP के निर्देश पर यह घटना हुई है. जो मृतक व्यापारी था गांव की पार्टीबंदी, निशानदेही और राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के कारण उसे पुलिस पकड़कर ले गई थी. उन्होंने कहा कि पुलिस ने बलवंत को रनिया से पकड़ा है. उसके बाद रनिया से लेकर मैथा पहुंचे. इसके बाद सार्वजनिक चौराहे पर बलवंत को मारा गया. जबकि लूट की घटना का मुकदमा दर्ज कराने वाला मृतक का चाचा बार-बार कह रहा था कि यह मेरा भतीजा है, ये चोरी में शामिल नहीं है. इसे छोड़ दो. लेकिन पुलिस ने उसे नहीं छोड़ा.

पुलिस अधीक्षक पर निशाना साधते हुए सांसद ने कहा कि पुलिस अधीक्षक को अपने बंगले से निकलकर कहीं जाना नहीं होता. इसके चलते कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता जब जिले में कोई न कोई लूट की घटना ना होती हो. सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक एक भी लूट की घटना का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि इस घटना में पुलिस की घोर लापरवाही व बदमाशी है.

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भाजपा सांसद ने पुलिस की कार्यशैली के साथ डॉक्टर पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने जो रिफर लेटर बनाया है उसमें घटना की तारीख 11 दिसंबर दर्शाई गई है. जबकि घटना 12-13 तारीख की रात में हुई है. पूरी तरह से गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में परिवार को कानपुर देहात पोस्टमार्टम हाउस पर भरोसा नहीं था. जिसके चलते शासन में बात करने के बाद पोस्टमार्टम कानपुर नगर में कराया गया है. BJP सांसद भोले ने कहा कि पुलिस कह रही है कि हार्टअटैक से मौत हुई है, लेकिन दूध का दूध पानी का पानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद हो जाएगा कि आखिर मामले की सच्चाई क्या है?

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बता दें कि कानपुर देहात के थाना शिवली निवासी सर्राफा व्यापारी चंद्रभान के साथ 6 दिसंबर को लूट की घटना हुई थी. घटना के खुलासे को लेकर पुलिस व एसओजी टीम ने 5 लोगों को हिरासत में लिया था. जिसमें लूट का शिकार हुए चंद्रभान का भतीजा बलवंत भी मौजूद था. वहीं, पूछताछ के दौरान बलवंत पुलिस की बर्बरता का शिकार हो गया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हो गई थी. व्यापारी बलवंत की मौत के बाद आनन-फानन में SP देहात सुनीति के निर्देश पर 9 पुलिसवालों को सस्पेंड किया गया था. वहीं पुलिस अधीक्षक ने जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी. इसके अलावा देर रात पांच पुलिसकर्मियों सहित सात खाकीधारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है.

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