पीलीभीत. चीनी मिल एवं गन्ना राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार को आचार संहिता उल्लंघन के दस साल पुराने दो मामलों में शनिवार को अदालत ने तीन-तीन माह के कारावास व दो-दो हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया. ऐसे ही एक अन्य मामले में उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया.
शनिवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) प्रियंका रानी ने सजा सुनाई. इससे पहले राज्यमंत्री को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया. बाद में उन्हें जमानत दे दी गई. बता दें कि संजय सिंह गंगवार ने 2012 में बसपा से विधानसभा चुनाव लड़ा था. चुनाव के दौरान पुलिस को चेकिंग में एक वाहन में उनकी प्रचार सामग्री मिली थी, जिसे पुलिसकर्मियों ने जब्त कर लिया था. एक मामले में एक वाहन से उनका प्रचार होते मिला था तो एक जगह दीवार पर उनके पक्ष में प्रचार लिखा मिला था. तत्कालीन सुनगढ़ी एसओ पहुंप सिंह, उपनिरीक्षक विनय कुमार सरोज और उपनिरीक्षक अमर सिंह की तरफ से आचार संहिता उल्लंघन के तीन अलग-अलग मामले दर्ज कराए गए. तीनों मुकदमे सुनगढ़ी थाने में ही दर्ज किए गए.
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दो मामलों में संजय गंगवार को आरोपी बनाया गया, जबकि तीसरे मामले में उनके अलावा चालक हरपाल निवासी सितारगंज को भी आरोपी बनाया गया था. तीनों मामलों में पुलिस ने विवेचना के दौरान आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए. पुलिस की तरफ से गवाहों के अदालत में बयान कराए गए. मुकदमे एमपी/एमएलए कोर्ट प्रियंका रानी के यहां विचाराधीन थे. शनिवार को अदालत ने दो मामलों में राज्यमंत्री को दोषी करार देते हुए तीन-तीन माह की सजा सुनाई. इसके बाद राज्यमंत्री के अधिवक्ता की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया. अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया. वहीं तीसरे मामले में राज्यमंत्री व उनके चालक को दोषमुक्त करार दिया गया.
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