मध्यप्रदेश में प्रसव पीड़ा की दो तस्वीर सामने आई है। एक तस्वीर में चिकित्सा स्टॉफ का असंवेदनशील चेहरा सामने आया है वहीं दूसरे मामले में संवेदनशीलता का अलग ही चेहरा देखने को मिला। पहले मामले में प्रसव पीड़ा उठने पर प्रसूता को लेकर परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां ताला लटका हुआ था। महिला ने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। दूसरे मामले में चलती बस में डिलीवरी होने पर बस चालक ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए बस को लेकर सीधे अस्पताल पहुंचे और जच्चा-बच्चा को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई। बताया जाता है कि स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल की वजह से यह स्थिति निर्मित हुई।

पुष्पलेश द्विवेदी, सिंगरौली। जिले के चितरंगी विकासखंड अंतर्गत बगदरा के करौदिया उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को लेकर पहुंचे। अस्पताल में ताला लटक रहा था। दर्द से तड़प रही प्रसूता ने अस्पताल परिसर के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया। बताया जाता है कि पूरे प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से यह स्थिति निर्मित हुई। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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रणधीर परमार, छतरपुर। जिले में चलती बस में एक गर्भवती महिला द्वारा डिलीवरी का मामला सामने आया है। बस दिल्ली से सागर जा रही थी तभी सुबह लगभग 9 बजे बस की एक सीट पर दिल्ली से आ रही महिला चांदनी जाटव को प्रसव पीड़ा होने लगी और कुछ ही मिनटों में डिलीवरी हो गई। महिला ने बस में ही पुत्री को जन्म दिया। इस समय तक बस छतरपुर से सागर की ओर 5 किलोमीटर आगे निकल गई थी। ड्राइवर ने मानवता का परिचय दिखाते हुए बिना देरी किए बस को वापस छतरपुर की ओर मोड़ा और सीधे छतरपुर जिला अस्पताल पहुंचा दिया, जहां जच्चा और बच्चा को भर्ती कराया गया है। दोनों को उचित इलाज दिया जा रहा है।

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बस ड्राइवर धर्मवीर सिंह परमार ने कहा कि किसी की जान नहीं जानी चाहिए और मेरा भी यही प्रयास था। बस की सवारियों ने भी मेरा सहयोग किया। महिला का पति बलराम जाटव मजदूरी करता है और दिल्ली में पिछले कुछ समय से रह रहा था। आर्थिक तंगी के चलते वह परिवार सहित डिलीवरी कराने के लिए सागर अपने घर जा रहा था, लेकिन छतरपुर के पास ही डिलीवरी हो गई। उसने बेटी को जन्म दिया है।

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