अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जारी है. प्रश्नकाल के दौरान सदन में कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने अवैध उत्खननों के प्रकरण की वसूली का मुद्दा उठाया है. प्रियव्रत सिंह ने कहा कि 15 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. प्रकरणों में करोड़ों रुपए की वसूली का जुर्माना लगा है, जो की वसूला नहीं जा रहा है. ऐसे लोगों से जुर्माना नहीं वसूल रहे है, क्योंकि राजनीतिक रसूक रखते हैं. माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की जाती है, उसकी धज्जियाँ उड़ रही हैं.
खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस मामले में साढे़ 11 करोड़ की रिकवरी अपराधियों से की गई थी. मामला कलेक्टर कोर्ट में चल रहा है. इस मामले को लेकर जांच कमेटी बनाई गई थी. उसमें कई विसंगतियां थीं. केस न्यायालय में इसलिए हम इस मामले पर कैसे बात कर सकते हैं.
कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने आरोप लगाया है कि क्या खदान मालिक को कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. कलेक्टर कौन सी जांच कर रहे है. कलेक्टर आपको चला रहे है या आप कलेक्टर को. ये कह रहे है कि ये कलेक्टर के न्यायालय में चल रहा है. कलेक्टर आपकी सुनते ही नहीं है. हमको जवाब नहीं मिलता है, तो हम प्रश्न ही क्यों लगाए ?
उन्होंने आगे कहा कि ये तो मेरे विधायक होने की पीड़ा है. ये हर विधायक की पीड़ा है. मैं तीन बार का विधायक हूं और मेरी बात यदि सदन में नहीं सुनी जाएगी, तो विधायकी अपमानित हो रही है. मैं जनता के बीच से चुनकर आया हूं. इस मुद्दे को लेकर सदन के अंदर काफी तीखी नोक झोंक हुई.
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