अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जारी है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर पेश किया. कांग्रेस विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए खड़े होकर समर्थन दिया. अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा के लिए 4 घंटे का समय दिया गया, फिर एक घंटे और प्रस्ताव पर चर्चा बढ़ाई गई.

सदन में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि सत्ता के मद में सरकार चूर है. प्रजातंत्र के मूल्यों को छीना गया. पंचायती राज के अधिकार सरकार ने छीन लिए. जिला पंचायत पावर लेस हो गई है. CEO और सरपंच सक्रेटरी के पास सारे पावर है. दिग्विजय की सरकार के दौरान की सभी व्यवस्थाओं को बीजेपी सरकार ने खत्म कर दिया. विपक्षी दलों का अपमान करना, उन्हें झूठे मुक़दमे में फंसना ये काम इनकी सरकार में चल रहा है. आपने विकास नहीं किया. पूरे प्रदेश को कर्ज में डाल दिया. आपने सारी सरकारी संपत्ति बेच दी. आपने हमारी सरकार गिरा दी.

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ख़राब हालात में सर्किट हाउस में मिला रूम

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा के दौरान वाक्या हुआ, जो नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से रहता है, उसे देना चाहिए. इतनी ख़राब हालात में सर्किट हाउस में रूम मुझे दिया गया और आप लोग करोड़ों खर्च करते हैं. लगातार हमारे साथ भेदभाव किया जा रहे हैं. ये हालत मेरी हैं तो विधायकों के साथ क्या होता होगा ? अधिकारी हमारे फोन नहीं उठाते हैं.

अगर आपकी यही नीति है तो हम विपक्ष के नाते अपमान सहने के लिए तैयार

राजगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान हमारे विधायक को कुर्सी तक नहीं मिली, ना आमंत्रण पत्र में नाम छापा. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कुर्सी से उठकर बोला कि बापू सिंह तनवर अच्छे से जानते हैं, उन्हें बोलने का मौक़ा दिया गया था. हम थोड़ा लेट पहुंचे थे. इस पर नेता प्रतिपक्ष बोले की मोहन यादव आपका कुर्ता खींच रहे थे. मोहन यादव बोले कि हमने आपके विधायक को मौका दिया था. अगर आपकी यही नीति है तो हम विपक्ष के नाते अपमान सहने के लिए तैयार हैं.

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सरकार ने बंद कर दी कई योजनाएं

सदन में किसानों की बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने कई योजना बंद कर दी है. कोई विभाग नहीं है, जहां पद ना खाली हो. जिनके कारखाने चल रहे उनके बिल कम आ रहे हैं, लेकिन किसानों के बिल ज़्यादा आ रहे. रोजगार की स्थिति एमपी में ख़राब हो गई है. सामान्य परिवार का बेटा पुलिस की भर्ती का प्रयास करता है. गांव का बच्चा कम्पटीशन में नहीं आ पाता.

खजाना खाली और चीते लाने किए करोड़ों खर्च

गोविंद सिंह ने कहा कि चीते लाने के लिए आपने करोड़ों रुपए लगाए. जब आपके पास खज़ाना खाली पड़ा है, तो क्यों पैसा बर्बाद किया. सदन में पोषण आहार का मुद्दा भी उठा. CAG की रिपोर्ट में पोषण आहार का मामला आया. मोटरसाइकिल से पोषण आहार इधर उधर कर दिया गया. कोरोना के दौरान कर्फ्यू था. इस दौरान ये सब कहा गया. हमने विधानसभा में शिकायत की पत्र भी लिखा है. अधिकारियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाकर लिखवाया की लिख दो की हमें मिला है. ऐसे अधिकारियों पर आप कार्रवाई करो.

चिरायु अस्पताल को दिए करोड़ों, यहीं कोरोना से अधिक मौत हुई

आप कोरोना महामारी के दौरान चिरायु अस्पताल पर बहुत मेहरबान रहे. करोड़ों रुपए आपने चिरायु को दे दिया. वो पूरी कैचमेंट एरिया की ज़मीन है. आपने इतनी मेहरबानी क्यों की उसके ऊपर. सबसे ज़्यादा मौत उसी अस्पताल में हुई है. हमारे पहचान के आदमी तड़प तड़प के मर गए. सरकारी कर्मचारियों समेत जिनकी कोरोना से मौत हुई है, उनको राहत और अनुकंपा नियुक्ति अब तक नहीं हो पाई. कोरोना से मृत लोगों के परिवारों को आर्थिक सहायता आज तक नहीं मिल पाई. जो किसान भटक रहे हैं उनका मुआवजा मिल जाए. जांच कराकर रिकवरी कराएं.

गिनाए घोटाले और गड़बड़ी

मप्र के नर्सिग कॉलेजों से बिहार, पंजाब, उत्तर प्रदेश के लोग डिग्री लेकर गए. पढ़ने कभी नहीं आए. नर्सिंग कॉलेज के घोटाले जगजाहिर है. एक कमरे में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं. बीच में बोलने के लिए खड़े हुए बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा को कहा पंडित जी बैठ जाइए. मैं ढोंग में विश्वास नहीं करता. आयुष्मान घोटाले का मुद्दा भी उठा. आयुष्मान योजना को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है. कंपाउंडर नहीं है. मरीज भर्ती नहीं हो रहे हैं, फिर भी भुगतान हो रहा है. क्या इसी तरह से गड़बड़ी चलती रहेगी ? घोटाला करने वाले बड़े अफसरों पर कार्यवाही नहीं की गई. शासन और घमंड तो रावण का भी नहीं रहा था.

स्पीकर ने सदस्यों से कहा कि अपनी सुविधा के अनुसार भोजन कर लें. आज लंच ब्रेक नहीं होगा.

आज कल मुख्यमंत्री जज बन गए हैं- गोविंद सिंह

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सजा देना न्यायालय का काम है. लेकिन सत्ता के मद में घमंडी हो गए है. आपने हजारों घर बर्बाद कर दिए. न्याय पालिका को दंड देने का अधिकार होता है कार्यपालिका को नहीं. आज कल मुख्यमंत्री जज बन गए हैं. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि सारथी कंस्ट्रक्शन की फ़र्म ने नगर पालिका में नल जल योजना का काम किया था. वो योजना पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. पूरा 20 करोड़ रुपए बर्बाद हो गए. विधानसभा की धज्जियाँ उड़ी. शिकायत करो तो उसका जवाब नहीं मिला.

सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि हमारे 34 साथियों ने अपनी बात रखने का अनुरोध किया था. नरोत्तम मिश्रा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष को प्रणाम करने का मन किया. हमें लग रहा था कि हमारी पीढ़ी में कोई बैठकर कथा कर रहा है. आप अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हमने उसका स्वागत किया. लेकिन आपके जो पहले नेता प्रतिपक्ष थे आज सदन में नहीं है. सज्जन सिंह ने कहा कि वो छोड़कर चले गए हैं हमारे नेता प्रतिपक्ष दमदार है.

पूरी सदन में एक ही वो नेता शिवराज सिंह हैनरोत्तम

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जो प्राप्त है वो पर्याप्त है. पूरी सदन का एक ही वो नेता शिवराज सिंह है. ये मैं माइक से कह रहा हूँ. हमारी हॉक फ़ोर्स ने 12 लाख का इनामी नक्सली को मारा. आपके कांग्रेस पार्टी के नेता का कोई बधाई नहीं आया. बधाई टीवी पर आती तो जवानों का हौसला बढ़ता. गोविंद सिंह आपके सरकार में घर के अंदर नक्सली घुसकर मंत्री की हत्या कर देते थे.

46 कुत्तों के हुए ट्रांसफर

नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार का तांडव था. 15 महीने में 450 IAS और IPS के ट्रांसफ़र कर दिए. इनकी सरकार में 46 कुत्तों के भी ट्रांसफर किए गए. उनका क्या दोष था, क्या आपकी सरकार के खिलाफ भौंक रहे थे.

सदन में इस्तीफा चैलेंज

मध्यप्रदेश विधानसभा में इस्तीफों की बयानबाजी नजर आई. नरोत्तम मिश्रा के बाद अब तरुण भनोत ने इस्तीफा चैलेंज दिया है. कर्जमाफी पर अपने अपने दावों के साथ इस्तीफा चैलेंज दिया है. इस्तीफा चैलेंज में वित्तमंत्री जंगडिश देवड़ा भी कूद गए. वित्त मंत्री ने कहा कि कर्जा लेकर घी नहीं पिया. सड़क बनाई, विकास किया कांग्रेस ने कर्जा लेकर घी पिया. एक ईंट लगाई हो 15 महीने में तो कांग्रेस बताए.

तरुण भनोट ने कहा कि अगर यह कह दे कि कांग्रेस की सरकार में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ. तो मैं सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा. नहीं तो मंत्री जी इस्तीफा दें.

सरकार के कर्ज लेने को लेकर विधानसभा में उठा मुद्दा

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार के कर्ज़ लेने का मुद्दा सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि कर्ज के पैसे से भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में खर्च होगा. 40 करोड़ रुपये का खाना महापौर ने खिलाया. विज्ञापन पर ही पिछले 20 साल में 40 अरब रुपये ख़र्च कर दिए गए. इवेंट में करोड़ों अरबों रुपये कर्च किए जा रहे हैं. कर्ज को लेकर सदन में तीखी नोकझोंक देखने को मिली.

राज्य मंत्री ओ पी एस भदौरिया और कांग्रेस विधायकों के बीच बहस हुई. ओ पी एस भदौरिया अपनी सीट से उठकर विरोध जातने लगे. नेता प्रतिपक्ष ने बोला कि सदन में ओ पी एस भदौरिया ने जो किया उसके लिए खेद व्यक्त करें. विश्वास सारंग ने कहा कि उनका ऐसा कोई मतलब नहीं था वो मुझसे बात करने के लिए उठकर आए थे.

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