रायपुर. भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने प्रेस वार्ता में लैपटॉप और प्रोजेक्टर के साथ सरकारी वेबसाइट और महालेखाकार के आंकड़े को दिखाकर कांग्रेस के आंकड़ों को झूठा बताया है. उन्होंने कहा, कांग्रेस ने झूठ बोलने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है. मनमोहन सरकार के समय छत्तीसगढ़ का बजट ही कभी भी 58 हजार करोड़ का नहीं था, तो मनमोहन सरकार कैसे 58 हजार करोड़ रुपए प्रति वर्ष देती थी.

आगे उन्होंने कहा, कांग्रेस के महाझूठ से कांग्रेस नेताओं की विश्वसनीयता खत्म हो गई है. अब उनकी बातों पर कोई विश्वास नहीं करेगा. कांग्रेस ने कहा, मनमोहन सरकार ने हर वर्ष छत्तीसगढ़ को 58 हजार करोड़ दिया. यानी कि 10 वर्षों में 5 लाख 80 हजार करोड़, लेकिन केवल 80 हजार करोड़ मिला, 5 लाख करोड़ कहां गया कांग्रेस बताए. कांग्रेस के नेताओं द्वारा केंद्र पर लगातार राज्य की राशि नहीं देने के झूठे आरोप कांग्रेस के नेता लगाते रहे हैं, जबकि केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ को यूपीए की मनमोहन सरकार से 5 गुना राशि दे रही है.

वहीं अमित चिमनानी के बयान पर निशाना साधते हुए कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला और धनंजय ठाकुर ने कहा कि, भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी का बयान हास्यपद और बचकाना है. अमित चिमनानी के द्वारा बयान में लिखी गई बातें और दिए गए आंकड़े ही चिमनानी के द्वारा लगाए जा रहे आरोप का खंडन भी कर रहा है. भाजपा के द्वारा मोदी सरकार की छत्तीसगढ़ के प्रति दलीय दुर्भावना के बचाव में किए जा रहे तथ्यहीन बेबुनियाद झूठ मनगढंत आरोप का पर्दाफाश भी कर रहा है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि, सीए अमित चिमनानी का अंकगणित कमजोर है, उनको फिर से अध्ययन करना चाहिए. उनके खुद के जारी बयान को भी सच मान लिया जाए तो मनमोहन सरकार हर साल छत्तीसगढ़ को 35000 करोड़ देती थी. इसके अनुसार 5 साल में 1 लाख 75 हजार करोड़ होता है. जबकि हकीकत यह है कि मनमोहन सरकार से छत्तीसगढ़ को एवरेज पूरे 10 साल तक 58000 करोड़ प्रति वर्ष मिलता था, जो कि रमन सरकार के सालाना बजट का 80 प्रतिशत से अधिक था. उस समय देश में जीएसटी कर प्रणाली नहीं लागू थी. राज्य अपना कर खुद वसूलता था. तब भी कांग्रेस की मनमोहन सरकार मोदी सरकार से ज्यादा मद्द छत्तीसगढ़ को देती थी.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि, अमित चिमनानी यह दावा कर रहे हैं कि केंद्र सरकार ने राज्य को 4 साल में 1 लाख 71 हजार करोड़ से अधिक की राशि दी है और उसके पक्ष को मजबूत करने के लिए जो आंकड़े दे रहे हैं. इनकम टैक्स से छत्तीसगढ़ को 29080 करोड़ मिलने का जो दावा है वह सरासर झूठा एवं मनगढ़ंत है. बीते 4 साल में छत्तीसगढ़ से लगभग 28500 करोड़ की इनकम टैक्स की कलेक्शन हुई है और उसका 41 प्रतिशत यानी लगभग 11688 करोड़ रुपए ही राज्य के हिस्से में आएगी, जिसे एक मुश्त केंद्र सरकार ने कभी भुगतान नहीं किया.

अमित चिमनानी के द्वारा जीएसटी के मद से 29466 करोड़ और जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार करोड़ रुपए मिलने का दावा करना यह प्रमाणित करता है कि, केंद्र सरकार राज्य के जीएसटी की मद की राशि और जीएसटी की क्षतिपूर्ति की राशि का पूर्ण भुगतान अब तक नहीं की है. जो लगातर केंद्र से मांगी जा रही है. छत्तीसगढ़ से मिले कुल कार्पोरेट टैक्स 31484 करोड़ को केंद्र के द्वारा राज्य को देने दावा भी सरासर झूठा है. 14 और 15 वें वित्त आयोग एवं मनरेगा की राशि का पूर्ण भुगतान आज की स्थिति में केंद्र सरकार ने नहीं किया है.

अमित सिंह चिमनानी का यह दावा कि, यूपीए सरकार के दौरान राज्य को 5 साल में जितनी राशि मिलती थी. मोदी सरकार उसे ज्यादा यानी 5 गुना राशि दी है तो अमित चिमनानी को बताना चाहिए कि केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी तो राज्य को 5 साल में लगभग 2 लाख 90 हजार करोड़ मिला था. क्या मोदी सरकार ने 4 साल में छत्तीसगढ़ को 11 लाख 60 हजार करोड़ दी है. इससे स्पष्ट समझ में आ गया कि अमित चिमनानी और भाजपा के नेता झूठे मनगढ़ंत आरोप लगाकर केंद्र सरकार की नाकामी को ढकने में लगे हैं. केंद्र सरकार ने 2022-23 में जीएसटी, इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, और सर्विस टैक्स एवं कार्पोरेट टैक्स के माध्यम से छत्तीसगढ़ को लगभग 27823 करोड़ मिलने का अनुमान किया है, जो टैक्स कलेक्शन के आधार पर ऊपर नीचे होगा.