काम शिक्षा विभाग, लेकिन कर्मचारी पंचायत विभाग का। बीते 22 साल छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी इस तरह काम कर रहे हैं। लिहाजा शिक्षाकर्मी शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर आंदोलनरत् है। शिक्षाकर्मी आस और विश्वास भरी नजरों से टकटकी लगाए सरकार की ओर देख रहे है। फिलहाल कैबिनेट की बैठक का इंतजार है। हालांकि ये इतंजार 21 जून तक है। मांग पूरी नहीं तो 22 जून से स्कूलों में तालाबंदी कर शिक्षाकर्मी एक बार फिर हड़ताल पर चले जाएंगे।
बीते 22 साल से शिक्षा विभाग में संविलियन का इतंजार कर रहे शिक्षाकर्मियों की उम्मींद संभवता जल्द पूरी हो सकती है। आगामी होने वाली रमन कैबिनेट में इस पर फैसला हो सकता है। माना जा रहा है कि रमन कैबिनेट में शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर मुहर लगाने की सरकार की तैयारी है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा था कि बैठक में संविलियन पर प्रस्ताव लाया जाएगा। शिक्षाकर्मियों से सरकार को सहानुभूति है। सरकार सरकार शिक्षाकर्मियों की हर मांग को पूरा करती रही, आगे भी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा।
ये सच है कि आंदोलन, धरना, प्रदर्शन, हड़ताल के आगे सरकार झुकती रही। सरकार ने समय-समय पर शिक्षाकर्मियों की मांगें भी मानी है। लेकिन पंचायत विभाग से शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग बीते 22 साल मांग ही बनी हुई है। शिक्षाकर्मी शिक्षा का पूरा काम करते हैं। इसके साथ ही पंचायत विभाग के भी बहुत से काम शिक्षाकर्मियों के जिम्में हैं। लेकिन शिक्षाकर्मियों बहु प्रतिक्षित मांग संविलियन पर सरकार अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। लिहाजा एक बार शिक्षाकर्मियों ने 22 जून से प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दे दी है। शिक्षाकर्मियों ने कहा सरकार 22 से पहले संविलियन पर निर्णय ले नहीं तो स्कूलों में तालाबंदी तय है।
शिक्षाकर्मियों के मुताबिक संविलियन हुआ ये फायदा मिलेगा-
सरकार से झगड़ा समाप्त हो जाएगा
शिक्षकर्मी से शिक्षक हो जाएंगे
यात्रा भत्ता, चिकित्सता भत्ता, आवास सुविधा मिलेगी
शिक्षा गुणवत्ता में आएगा
सरकार को 4 हजार 5 प्रति शिक्षाकर्मी बोझ बड़ेगा
शासकीय शिक्षक कहलाएंगे
शासकीय शिक्षकों की संख्या बड़ जाएगी
वर्तमान में सिर्फ 22 हजार शासकीय शिक्षक
शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति होगी
प्रशासन में भागादारी बढ़ेगी
सरकार आंदोलन, धरना, प्रदर्शन से मुक्त हो जाएगी
सम्मान बड़ जाएगा
आउटसोर्सिंग की समस्या खत्म हो सकती है
शिक्षकों के बीच विभाजन की स्थिति नहीं होगी
बाइट- विरेन्द्र दुबे, अध्यक्ष, शिक्षक पंचायत संघर्ष समिति