रायपुर। आरक्षण विधेयक को लेकर प्रदेश में जारी सियासत के बीच एक पत्र सामने आया है, जिससे यह बहस और तीखी हो गई है. इस पत्र में आरक्षण विधेयक को लेकर राज्यपाल द्वारा पूछे गए दस सवालों पर दिए गए राज्य सरकार के जवाबों का जिक्र है. इस पत्र के वायरल होने के साथ ही कांग्रेस की ओर से पलटवार किया गया है.
बता दें कि आरक्षण बिल पर सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री ने राजभवन के विधिक सलाहकार पर भी निशाना साधा था. इस लिहाज से इस पत्र में स्पष्टीकरण दिया गया है कि राजभवन के विधिक सलाहकार न्यायिक सेवा के जिला जज स्तर के हाईकोर्ट की तरफ से नियुक्त होते हैं. उनके खिलाफ टिप्पणी व राजभवन के अधिकारियों के खिलाफ बोलना उपयुक्त नहीं है. वहीं राज्यपाल द्वारा पूछे गए दस सवालों को लेकर राज्य सरकार द्वारा भेजी गई जानकारियों का भी जिक्र है.
इस पत्र पर कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बयानों का अनुसरण राजभवन से होता है. राजभवन की मर्यादा स्वयं गिर रही है. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं उसके कुछ घंटे बाद राजभवन की तरफ से स्पष्टीकरण आ जाता है. उन्होंने इसका आशय पूछते हुए कहा कि राज्यपाल अनुसुइया उइके ने खुद कहा था आरक्षण विधेयक संशोधन लाया जाए, मैं उस पर खुद हस्ताक्षर करूंगी.