नेहा केशरवानी, रायपुर. नए साल से बिजली उपभोक्ताओं को एक और झटका लगेगा. छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने वीसीए चार्ज बढ़ाने की घोषणा की है. पिछले चार महीने में यह दूसरी बार है, जब बिजली बिल वीसीए चार्ज की वजह से बढ़ाया जा रहा है. VCA (वेरिएबल कॉस्ट एडजस्टमेंट) चार्ज 49 पैसे बढ़ाया गया है. पहले यह दर 61 पैसे थी जो अब 1.10 रुपए प्रति यूनिट हो गया है. 100 यूनिट की खपत में बिजली बिल 400 रुपये हैं तो नए VCA दर के मुताबिक 49 रुपये ज्यादा देने होंगे. बिजली बिल हाफ में बढ़े बिजली बिल दर का भी फायदा मिलेगा.
इससे पहले दिसंबर जनवरी में प्रति यूनिट 49 पैसे वृद्धि हुई थी. सितंबर 2022 में भी VCA चार्ज बढ़ाया गया था. सितंबर में 0.23 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाया गया था. बिजली 4 महीने में 0.72 पैसे यूनिट महंगी हुई है. बताया जा रहा कि अगस्त और सितंबर में खरीदी गई बिजली महंगी मिली है. बिजली के लिए जो पैसे ज्यादा दिए गए हैं, उसे एडजस्ट करने के लिए ही वीसीए चार्ज में 0.49 रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि की जा रही है.
जिनका ज्यादा बिल, उतना वीसीए चार्ज भी ज्यादा
प्रति यूनिट 49 पैसे की वृद्धि का भार अलग-अलग खपत वाले उपभोक्ताओं के लिए भिन्न होगा. जैसे 100 यूनिट की खपत वाले उपभोक्ताओं का बिल 400 रुपए आता है. 50 फीसदी हाफ रेट के बाद बिल 200 रुपए का आता है. इस बिल पर अब उपभोक्ताओं को 49 रुपए अतिरिक्त देना पड़ेगा. इसी तरह 200 यूनिट की खपत पर बिल करीब 800 का बिल आता है. 50 फीसदी छूट के बाद बिल करीब 400 रुपए का आएगा. इस खपत पर 98 रुपए अतिरिक्त वीसीए चार्ज लिया जाएगा. इसी तरह जैसे-जैसे खपत बढ़ती जाएगी, वीसीए चार्ज खपत के अनुपात में बढ़ता जाएगा. यानी जिनका बिल ज्यादा होगा, उन्हें वीसीए चार्ज भी ज्यादा देना होगा.
कोयले की मूल्य वृद्धि से वीसीए चार्ज में बढ़ोत्तरी
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित बहुवर्षीय टैरिफ सिद्धांतों के अनुरूप विनियम 2021 की कंडिका-93 में निहित प्रावधानों के अनुपालन में वर्ष 2022-23 के तृतीय द्वैमासिक अवधि अर्थात् अगस्त और सितम्बर-2022 के दौरान वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट का निर्धारण किया गया है. अगस्त एवं सितम्बर 2022 के दौरान छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी व्दारा क्रय की गई बिजली की लागत में विद्युत नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित दर की तुलना में 549 करोड़ रुपए की सकल वृद्धि हुई है. इस वृद्धि के कारण दिसम्बर – 2022 एवं जनवरी 2023 के दौरान लागू वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (वीसीए चार्ज) में 49 पैसे की वृद्धि हो रही है. पूर्व में यह दर 61 पैसे प्रति यूनिट थी, जो अब बढ़कर 1.10 रूपए प्रति यूनिट हो गई है.
वीसीए की गणना प्रत्येक दो माह में की जाती है। माह अगस्त एवं सितम्बर 2022 के दौरान वीसीए के कारण डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को खरीदी गई बिजली पर विद्युत नियामक आयोग व्दारा अनुमोदित दर की तुलना में रूपये 549 करोड़ का ज्यादा भुगतान करना पड़ा है. इसमें प्रमुख हिस्सा एनटीपीसी का 459 करोड़ रूपये है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के बिल में नियामक आयोग व्दारा अनुमोदित दर की तुलना में लगभग 26.51 करोड़ रूपये की कमी आयी है. उक्तावधि में विभिन्न स्त्रोतों से क्रय की गई बिजली की लागत नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित दर की तुलना में वृद्धि हुई है, जो इस प्रकार है.
एनटीपीसी 459 करोड़ रुपए, एनटीपीसी-सेल पॉवर कार्पोरेशन 5.74 करोड़, सीएसपीजीएल (नवीकरणीय स्त्रोत) 18.79 करोड़ तथा अन्य संयंत्र (बायोमास सौर, लघु जल, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र आदि) से 92 करोड़ रुपए वीसीए राशि है, जबकि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी (तापीय स्त्रोत) के वीसीए में 26.51 करोड़ रुपए की कमी हुई है. इस तरह सकल वीसीए राशि में वृद्धि 549.01 करोड़ रुपए हो रही है.
उपरोक्तानुसार विद्युत कय दर में वृद्धि के कारण समस्त श्रेणी के उपभोक्ताओं से रूपये 1.10 प्रति यूनिट की दर से वीसीए प्रभार माह जनवरी एवं फरवरी- 2023 के विद्युत देयकों में अधिरोपित किया जाना है. विद्युत उत्पादन हेतु कोयला एवं तेल की आवश्यकता मुख्य रूप से ईंधन के रूप में विद्युत गृहों में होती है. इन दोनों प्रमुख घटकों की कीमत बाजार मूल्य के अनुरूप घटती-बढ़ती रहती है. राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत दरों के निर्धारण के उपरांत ईंधन कीमत में बढ़ी अथवा घटी हुई कीमत के समायोजन हेतु वीसीए की दर की गणना मई 2012 से लेकर सितम्बर 2015 तक त्रैमासिक आधार पर की जाती रही है. इसके बाद इस दर का निर्धारण द्वैमासिक आधार पर किया जा रहा है। वीसीए चार्ज में हाफ रेट बिजली योजना का लाभ भी मिलता है.
प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को ईंधन की कीमत में वृद्धि होने के कारण आगामी दो माह तक 1.10 रूपए प्रति यूनिट वेरियबल कास्ट एडजस्टमेंट (वीसीए) चार्ज देय होगा. इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 62(4) के तहत् वीसीए चार्ज लेने का प्रावधान है. वितरण कंपनी के कुल खर्चे का लगभग 85 प्रतिशत खर्चा पॉवर परचेस में व्यय होता है, जो कि ईंधन के रूप में क्रय मूल्य में कमी अथवा बढ़ोत्तरी के कारण घटता-बढ़ता रहता है. वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व राज्य नियामक आयोग द्वारा विद्युत दर का निर्धारण कर दिया जाता है और ईंधन की दर में बढ़ोत्तरी होने की स्थिति में विद्युत वितरण कंपनी पर पड़ने वाली अतिरिक्त वित्तीय भार को एक निश्चित फ़ार्मूले के अनुरूप व्हीसीए चार्ज के रूप में समायोजित किया जाता है.
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