जयपुर। गणतंत्र दिवस परेड की शान बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के ऊंट दल (बीएसएफ कैमल कांटिनजेंट) में इस बार महिला गार्ड की भी भागीदारी रहेगी. अबकी बार आप महिला गार्ड को भी सजे-धजे तरीके से समकक्ष पुरुष गार्ड के साथ शान के साथ मार्च पास्ट करते हुए देखेंगे. इसे भी पढ़ें – पत्रकारिता दुनिया का सबसे जोखिम भरा काम, दो दशकों में 1700 पत्रकारों ने गंवाई अपनी जान…

1976 से गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा रहे प्रसिद्ध बीएसएफ ऊंट दल में शामिल होने वाली महिला गार्ड का ड्रैस प्रसिद्ध डिजाइनर राघवेंद्र राठौर ने तैयार किया है. महिला गार्ड की वर्दी भारत के कई क़ीमती शिल्प रूपों का प्रतिनिधित्व करती है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में तैयार की जाती है, इसे राघवेंद्र राठौर जोधपुर स्टूडियो में इन-हाउस असेंबल किया गया है.

बीएसएफ कैमल कांटिनजेंट के लिए महिला गार्ड की वर्दी के डिजाइन में राजस्थान के इतिहास के सार्टोरियल और सांस्कृतिक तत्वों को शामिल किया गया है. बीएसएफ महिला गार्ड की पोशाक डिजाइन करते समय राष्ट्रीय बलों की वर्दी में से एक को पहनने की कार्यक्षमता, विशेषाधिकार और सम्मान परिलक्षित होता है, जो प्रतिष्ठित जोधपुरी बंधगला के साथ प्रतिध्वनित होता है, जो आलीशान, क्लासिक और लालित्य का प्रतीक है.

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इसके अलावा बनारस के विभिन्न ट्रिम्स के लिए हाथ से तैयार किए गए जरदोजी के काम वाले बनावट वाले कपड़े को 400 साल पुरानी डंका तकनीक में बनाया गया है. वर्दी का हिस्सा आकर्षक पाघ (पगड़ी) राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र के विरासत पाघ से प्रेरित है. पाघ राजस्थान के लोगों के सांस्कृतिक पहनावे का एक अनिवार्य तत्व है, और मेवाड़ में जो पहना और बांधा जाता है, वह प्रतिष्ठा और सम्मान का प्रतीक है.

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