प्रतीक चौहान. रायपुर. भले ही रेलवे बोर्ड में बंगला प्यून या टेलीफोन अटेंडेंट कम डाक खलासी (TADK) की सुविधा खत्म कर दी हो. लेकिन रायपुर रेल मंडल के उच्च अधिकारियों का ये मोह अब भी खत्म नहीं हुआ है. रेल अधिकारियों ने रेलवे के करीब 25 हजार रूपए वेतन वाले कर्मचारी को अपने घर का नौकर बनाकर रख लिया है और रेलवे बोर्ड को इन स्टॉफ को ऑफिस में ड्यूटी करना दर्शाते है. लल्लूराम डॉट कॉम के पास इसके पुख्ता प्रमाण भी मौजूद है. इतना ही नहीं रायपुर रेल मंडल के डीआरएम को न जाने अपनी जान का कितना खतरा है कि उन्हें तीन शिफ्ट में तीन आरपीएफ के जवान अपने घर में चाहिए, 2 शिफ्ट में दो अपने साथ बॉडीगार्ड चाहिए. इसके अलावा घर में खाना बनाने वाले और घर की नौकरी करने वाले अलग. ये हाल खाली डीआरएम का नहीं, तमाम अधिकारियों के घर का है.
रायपुर रेल मंडल में तमाम रेल अधिकारियों के घर में अनाधिकृत तरीके से टीएडीके को पोस्टिंग न देकर वर्षों से अधिकारियों ने घर का नौकर बनाकर रख लिया है. उनका काम घर का खाना बनाना, झाड़ू-पोछा लगाना और गार्डन की साफ सफाई करना है. जबकि रेल अधिकारियों को ये सुविधा रेलवे बोर्ड ने प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तेप के बाद बंद कर दी थी.
लल्लूराम डॉट कॉम को इन अधिकारियों के ही बंगले में काम करने वाले लोगों ने संपर्क किया है और नाम न छापने की शर्त में ये बताया है कि डब्ल्यूआरएस कॉलोनी स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी में तमाम अधिकारियों ने अपने बंगले में उनकी बीवी को खाना न बनाना पड़े इसलिए उन्हें अपना नौकर बनाकर रखा है.
इसे लेकर कई बार प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत हुई, लेकिन बावजूद इसके उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. इसके बाद पीड़ितों ने लल्लूराम डॉट कॉम से मदद मांगी है.
पीड़ितों के मुताबिक टीएडीके की स्क्रिनिंग होने के बाद भी कई लोग रायपुर और बिलासपुर में ऐसे है जिन्हें पोस्टिंग नहीं दी गई है, जब भी पोस्टिंग की बात वे अधिकारियों से करते है तो उन्हें ये कह दिया जाता है कि उनकी फाइल हेड क्वाटर में अटकी हुई है. पीड़ितों ने लल्लूराम डॉट कॉम को प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजी कुछ शिकायतें भी उपलब्ध कराई है, लेकिन उनका नाम न उजागर हो और अधिकारी उन्हें पीड़ित न करें इसलिए लल्लूराम डॉट कॉम उन शिकायतों को इस खबर में पोस्ट नहीं कर रहा है.
इस संबंध में रायपुर रेल मंडल के DRM का पक्ष लेने उन्हें फोन किया गया, उन्हें ये पूछा गया कि अधिकारी रेलवे कर्मचारियों को अपने बंगले में नौकर बनाकर रखे हुए है, तो उनका कहना था कि ‘इसकी शिकायत उन्हें नहीं मिली है’. फिर लल्लूराम डॉट कॉम संवाददाता ने पूछा कि शिकायत तो प्रधानमंत्री कार्यालय तक हुई है और सीनियर डीपीओ ने एक अधिकारी को इस संबंध में पत्र भी लिखा है. उन्होंने फिर जवाब दिया इस संबंध में ‘मुझे कोई शिकायत नहीं मिली है’.
इसके बाद लल्लूराम डॉट कॉम संवाददाता ने उन्हें पूछा कि यदि शिकायत उन तक पहुंचेगी तो ? तो उन्होंने रिपोर्टर से कहा कि
आप बड़ा हाईपोथिकल सवाल कर रहे है. हर शिकायत पर कार्रवाई होती है. इसके बाद रिपोर्टर ने पूछा- सर आपके बंगले में कितने लोग काम कर रहे है… इस सवाल पर DRM नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि ये पूछने का अधिकार रिपोर्टर का नहीं है.
रिपोर्टर ने जवाब दिया सर मामला रेलवे कर्मचारियों के अपने घर में नौकरी करवाने का है, इसलिए ये रिपोर्टर का दायित्व है कि वो सवाल करे. इसके बाद उल्टे DRM ने रिपोर्टर से सवाल कर लिया कि आपके घर में कौन कौन है. इसका जवाब जब रिपोर्टर ने दिया कि घर में मां, पत्नी और भाई है. ये सुनने के बाद डीआरएम ने कहा कि उनके पास विवाद करने का टाईम नहीं है. लेकिन उनके बंगले में कितने रेल कर्मचारी घर की नौकरी कर रहे है, इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया.