कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल-अंचल कड़ाके की सर्दी से जूझ रहा है. मंगलवार को सीजन का पहला कोल्ड डे रहने के बाद दिन का पारा सामान्य से 6 डिग्री नीचे चल रहा है. रात में भी तापमान 5 डिग्री के अंदर आ चुका है. ऐसे में कड़ाके की सर्दी के बीच लोगों की रात कैसे गुजर रही है ? खासकर सार्वजनिक स्थान पर जॉब करने वाले, खुले में सड़क किनारे, रैन बसेरों में क्या स्तिथि है ? ग्वालियर से सर्द रात की कहानी लोगों की जुबानी.
ग्वालियर चंबल अंचल इस वक्त कड़ाके की सर्दी से जूझ रहा है. उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं के चलते ग्वालियर में ठिठुरन बढ़ गई है. मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री गिरकर 16.4 डिग्री दर्ज हुआ. रात का तापमान भी 5 डिग्री के आसपास चल रहा है. ऐसे में सर्दी लोगों के लिए भारी परेशानी बन रही है. जब लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने रात लगभग 12 बजे रेलवे स्टेशन चौराहे का जायजा लिया, जहां पास ही बने पेट्रोल पंप पर मौजूद लोगों से बातचीत की. लोगों ने इस बार कि सर्दी को बीती कई सालों से ज्यादा कड़ाके का बताया. खासकर रात में जागकर ड्यूटी करने वाले चौकीदार तो कह रहे है ऐसी सर्दी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी.
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ग्वालियर की सर्द रातें बेघर लोगों के लिए भारी मुसीबत बन रही है. रात के वक्त शीतलहर और कड़ाके की सर्दी के चलते खुले में रात बिताने वाले लोग परेशान हैं. ग्वालियर शहर के अलग-अलग इलाकों में 5000 से ज्यादा लोग बेघर हैं, जो खुले आसमान के नीचे रात बिताते हैं. कड़ाके की सर्दी के चलते इन लोगों की परेशानियां बढ़ गई. लोगों के पास ओढ़ने के लिए रजाई या कंबल नहीं है. जिसके चलते ठंड से बचने के लिए ये लोग रात भर अलाव के सहारे रात काटने को मजबूर हैं. गांधी रोड पर रात लगभग 2 बजे टीम ने जायजा लिया और उनकी परेशानी को उनकी ही जुबानी सुना.
सर्दी के इस मौसम में बाहर से आने वाले मुसाफिरों के लिए रैन बसेरे एक बड़ा सहारा बने है. ग्वालियर में आठ रेन बसेरा संचालित हो रहे हैं. ग्वालियर बस अड्डे पर दो रेन बसेरा है. जब देर रात ही लल्लूराम की टीम रैन बसेरे का जायजा लेने पहुंची, तो यहां साफ-सुथरे बिस्तर रजाई गद्दे मौजूद मिले. तो वही साफ-सुथरे टॉयलेट और बाथरूम नजर आए. रेन बसेरे में मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश दिल्ली सहित अन्य राज्यों के भी मुसाफिर आकर रुके थे. रेन बसेरा में मौजूद लोगों ने बताया कि यहां की व्यवस्था दुरुस्त है. खासकर महंगाई के दौरान में सर्दी के सितम से बचने के लिए इससे अच्छी दूसरी व्यवस्था कुछ हो ही नहीं सकती.
बता दें कि इस कड़ाके की सर्दी के बीच ऐसे लोगों को बचाने जिम्मेदार क्या क्या कदम उठा रहे है, इसको लेकर ग्वालियर निगमायुक्त किशोर कन्याल का कहना है कि लोगों को सर्दी से सुरक्षित रखने खासकर खुले में रह रहे लोगो के लिए शहर के 50 स्थान चिन्हित किये है. जिनमें से 20 जगहों पर अलाव जलना शुरू कराये गए है. आने वाले दिनों में लोगो राहत पहुंचाने और भी जरूरत के अनुसार कदम उठाये जाएंगे.
गौरतलब है कि ग्वालियर में सर्दी के सितम खासकर शीत लहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिए है. जिले के प्राइमरी स्कूलों की 7 जनवरी तक छुट्टी की गई है. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश जारी करते हुए जिले के सभी सरकारी और निजी प्रायमरी स्कूल बन्द रखने के निर्देश दिए है. जबकि मिडिल और हायर सेकेंडरी स्कूल 9:30 बजे के बाद लगेंगे. वही कोचिंग और ट्यूशन भी 9:30 बजे के बाद ही संचालित होंगे. ऐसे में दिन तो लोगो के सर्दी से बचाव और राहत की बीच गुजर जाएगा, लेकिन सर्द शीतलहर की राते गुजारना अब लोगो के लिए मुश्किल ही नहीं न-मुमकिन सा बन गया है.
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