नई दिल्ली। अगर आप ऑनलाइन गेम खेलने के शौकिन हैं, तो यह खबर आपने वालों के लिए महत्वपूर्ण है. ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के ध्येय से सरकार गेमिंग कंपनियों के लिए ग्राहकों की जानकारी, याने KYC (know your coustomer) अनिवार्य करने जा रही है. इसके अलावा गेमिंग कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए स्व नियंत्रित संगठन (self regulatory organization) का प्रस्ताव दिया है.

ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के ध्येय से सरकार की ओर से मसौदा जारी किया गया है. इसके मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को मिलकर एक सेल्फ रेग्युलेटरी ऑर्गेनाइजेशन बनाना है, जो इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय से जुड़ा होगा. इस संगठन में पंजीकृत कंपनियां ही देश में अपना कारोबार कर सकेंगी. इसके अलावा ऑनलाइन गेम खेलने वाले लोगों को पूरी जानकारी (KYC) रखनी होगी. यही नहीं कंपनियों को भी गेम से जुड़ी तमाम चीजों के साथ नियमों को प्रदर्शित करना होगा.

डिजिटिल इकोनॉमी का हिस्सा

इलेक्ट्रानिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि ऑनलाइन गेम बहुत बड़ा कारोबार है. हम उसे प्रोत्साहित करना चाहते हैं. हमारा मकसद देश में ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े स्टार्टअप को बढ़ावा देना है. इस बिजनेस में इन्वेस्टमेंट को बढ़ाना है, क्योंकि यह हमारी डिजिटिल इकोनॉमी का हिस्सा बन चुकी है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेम खेलने वालों में 40 से 45% महिलाएं हैं. ऑनलाइन गेम अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन से जुड़ गया है. इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए मसौदा जारी किया है.

ऑनलाइन गेमिंग के लिए मसौदा में क्या

ऑनलाइन गेमिंग के लिए तैयार मसौदे के मुताबिक, कंपनियां अपनी दिशा और मानक तय कर सकेंगी. अगर कंपनियों के बीच मतभेद होता है, तो एक से अधिक स्व नियंत्रत संगठन भी हो सकते हैं. ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर विज्ञापन दे रही विदेशी कंपनियों को भारत में गेमिंग की इजाजत नहीं होगी. खेल के नतीजे पर किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी की अनुमति नहीं दी जाएगी. गेमिग कंपनियों को भारतीय मूल का शिकायत निपटान अधिकारी नियुक्त करना होगा. उन्हें अपना फिजिकल पता और संपर्क नंबर भी देना होगा.

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