अजय सूर्यवंशी, जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक अनोखी पाठशाला ग्रामीणों को खूब रास आ रही है. तपकरा वन क्षेत्र की इस पाठशाला में हाथी और मानव द्वंद रोकने के लिए लोगों को जंगली हाथियों से बचाव के लिए स्वतः उपाय करने का पाठ पढ़ाया जा रहा है.

तपकरा वन परिक्षेत्र का सरकरा गांव में हाथी मित्र दल के सदस्यों ने इस अनोखी पाठशाला की शुरूआत की है. इसमें ग्रामीणों के साथ अपने अनुभव साझा कर के हाथी से बचाव और जंगलों की जरूरत के बारे अहम जानकारी दी जा रही है. इसमें प्रतिदिन अलग-अलग गांव के लोगों को बुलाया जाता है, और उन्हें हाथियों से बचाव के जरूरी टिप्स दिए जाते हैं.

हाथी मित्र दल के सदस्य जंगल किनारे के खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाए जाने और घरों के क्षतिग्रस्त होने पर पीड़ित किसानों को त्वरित मुआवजा दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

वन मंडल अधिकारी जितेन्द्र उपाध्याय का कहना है कि ग्रामीणों के बीच में यह पहल सभी के लिए लाभदायक साबित होगी. सरकरा गांव का हाथी मित्र दल 12 वर्ष से ग्रामीण और जंगली हाथियों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है. इसी वजह इस क्षेत्र के दर्जन भर गांवों में हाथियों से एक भी जनहानि की घटना नहीं हुई है.

अनोखी पाठशाला के प्रशिक्षक प्रभात दुबे का कहना था कि अब तेजी से सिमट रहे जंगल और हाथियों की लगातार मौजूदगी के मद्देनजर ग्रामीणों को स्वतः सुरक्षा के उपाय करने आवश्यक हो गए हैं.

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