जयपुर. राजस्थान में चुनावी साल में एक बार फिर कांग्रेस के बड़े नेताओं में खींचतान साफ-साफ दिखने लगी है। कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर जयपुर में आयोजित पहली बड़ी बैठक से कई बड़े नेताओं ने किनारा कर लिया। प्रदेेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसे लेकर पार्टी के अनुपस्थित नेताओं को सख्त संदेश दिया है। पार्टी के एसएमएस अस्पताल रोड स्थित वॉर रूम में आयोजित बैठक में रंधावा ने कम उपस्थिति देखकर सीएम से कहा कि जो नहीं आए हैं उन्हें गंभीरता दिखानी होगी। इस अभियान में सभी नेताओं और मंत्रियों की परफॉर्मेंस देखी जाएगी।
अगली बैठक में जो नहीं आएगा उनक पर गिरेगी गाज
इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रभारी और पर्यवेक्षक की मौजूदगी के बावजूद जो नहीं आए हैं उन्हें शाम तक ही समझ में आ जाएगा कि इसकी गंभीरता कितनी है। हालांकि देर शाम तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आई। पार्टी में यह चर्चा थी कि अगली बैठक में जो नहीं आएगा उन पर गाज गिर सकती है।
26 जनवरी से शुरू होगी यात्रा
26 जनवरी से शुरू हो रहे अभियान में मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष, सभी विधायक और मंत्री भी ब्लॉक स्तर पर पहुंचेंगे। डोटासरा ने कहा कि भाजपा को भारत जोड़ो यात्रा का कोई विकल्प नहीं मिल रहा है। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान 2 माह तक सभी ब्लॉक में हर बूथ पर चलेगा। उन्होंने डिजिटल सदस्यता अभियान पर जानकारी दी। बैठक में सभी विधायक, मंत्री, विधायक प्रत्याशी, सांसद प्रत्याशी, अग्रिम संगठनों के प्रमुख, जिलाध्यक्षों सहित प्रमुख पदाधिकारी अपेक्षित थे। करीब 325 नेताओं को पहुंचना था लेकिन कम ही पहुंचे।
ली जाएगी जानकारी
प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में अभियान की तैयारियों पर विशेष रूप से चर्चा की गई। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के पर्यवेक्षक आरसी खूंटिया ने कहा कि मार्च तक यहां रहूंगा जो नेता इसमें रुचि नहीं लेंगे तो समझा जाएगा कि वे राहुल गांधी की यात्रा के साथ नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो बैठक में नहीं पहुंचे हैं उनकी जानकारी भी ली जाएगी।