सर्दी बढ़ने के साथ ही फीणी की मांग भी बढ़ गई है. लोग सुबह के नाश्ते में दूध के साथ Fini खाने का आनंद लेते हैं और अपने साथियों को भी खिलाते हैं. यहां के लोग इसे चाव से खाते-खिलाते हैं. राजस्थान के जोधपुर शहर की फीणी अपने आप में अनूठी स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. यह देश में ही नहीं विदेश में भी पहचान रखती है. Fini मैदा और शुद्ध घी से तैयार की जाती है. इसके लिए जमा हुआ घी बेहतर होता है.
फीणी सर्दी में ही मिलती है और जितनी तेज सर्दी होती है उतनी बढ़िया Fini बनकर तैयार होती है. यह मिठाई देखने में जितनी नाजुक और सुंदर लगती है बनने में उतनी ही कठिन होती है. इसको बनाने वाले कारीगर बहुत अनुभवी होते हैं. यह मैदे को घी के साथ मिलाकर बनाई जाती है. Read More – बालों को शैम्पू करें पर ये गलतियां करने से बचें, नहीं तो जल्दी बाल हो जाएंगे खराब और कमजोर …
सर्दियों में ही बनती है
फीणी बहुत मेहनत से बनाई जाती है. सबसे पहले मैदे का गोल बनाया जाता है. उस मैदे के गोल को कुछ समय के लिए घी के अंदर रख दिया जाता है. Fini तेज सर्दी हो तभी बनती है नहीं तो फीणी तैयार नहीं होती है. यह तेज सर्दी में घी में डुबोकर आधी रात को खुली छत पर जहां पर तेज सर्दी हो वहां पर बनाई जाती है. हाथों से इसके रेशे बनाकर यह बहुत मेहनत के बाद तैयार होती है. Fini और उसके गोल लोए बना कर रख दिया जाता है. फिर उसको घी में जैसे ही डालते हैं तो वह तार-तार अलग हो जाती है.
बहुत मेहनत से बनती है
इसके बाद खुबसूरत लच्छे जैसी Fini तैयार होती है. इसे बनाना बहुत ही मेहनत का काम है. फीणी बनाने में 300 ग्राम मैदा और 700 ग्राम के मिश्रण डाला जाता है. जिसके बाद 1 किलो फीणी तैयार होती है. इस व्यवसाय से हजारों परिवारों का रोजगार जुड़ा हुआ है. Fini को कई तरह से अलग-अलग फ्लेवर में भी बनाया जाता है. केसर फीणी, मिठी फीणी, मलाई फीणी और लाल फीणी ज्यादा चलन में है. Read More – Today’s Recipe : अब कढ़ाई पर आसानी से बनाएं Garlic Bread, ओवन की नहीं पड़ेगी जरूरत …
इसे बनाने कुशल कारीगर जरूरी
कुशल व अनुभवी कारीगर की आवश्यकता
Fini बनाने के लिए बहुत ही कुशल व अनुभवी कारीगर की आवश्यकता होती है. ये मिठाई राजस्थान के अलावा हैदराबाद, गुवाहाटी, अहमदाबाद, मुम्बई, कोलकता, बंगलुरू आदि व अनेक राज्यों के साथ दुबई सहित कई देशों में भी इसका निर्यात किया जाता है.
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