लाल-पीले-नीले और सफेद रंग के छोटे-छोटे प्रिंट वाली साड़ी-दुपट्टा तो आपने देखे होंगे. राजस्थान की यह खूबसूरत तकनीक आज पूरी दुनिया में प्रचलित हो गई है. साड़ी ही नहीं चुनरी, ओढ़नी, सूट और लंहगों तक पर इसकी अच्छी खासी डिमांड होती हैं. सिर्फ ट्रडीशनल ही नहीं बॉलीवुड दीवाज तो वैस्टर्न में भी इस फैशन को ट्राई करती हैं.
बांधनी कला राजस्थान की प्रसिद्ध कलाओं में एक है. जिससे कपड़ों पर विभिन्न प्रकार के पैटर्न बनाने के लिए कपड़े को धागे से अलग-अलग तरह बांध रंगा जाता है जिसे बंधेज या बांधनी स्टाइल कहा जाता है. बांधनी फैशन कपड़े पर रंग चढ़ाई की तकनीक हैं जो राज्य में शेखावाटी, लाडनू, बगरू, जोधपुर, जयपुर, सुजानगढ़ आदि स्थानों की बंधेज कार्य के लिए प्रसिद्ध हैं. Read More – बालों को शैम्पू करें पर ये गलतियां करने से बचें, नहीं तो जल्दी बाल हो जाएंगे खराब और कमजोर …
दिलचस्प होती है कारीगरी की स्टाइल
कला की दिलचस्प बात यह है कि इसके लिए कारीगरों को लंबे नाखूनों की आवश्यकता होती है ताकि कपड़े को अधिक सटीकता के साथ बांधा और रंगा जा सके. इसके लिए तेज हाथों की भी आवश्यकता होती है, क्योंकि गाँठ जितनी छोटी होती है उतना ही अधिक समय लगता है. विशेष रूप से, यह कपड़ों के हिस्सों को अलग-अलग तरीकों से बांधकर पैटर्न बनाने की तकनीक हैं.
बांधनी प्रिंट का इतिहास
बांधनी शब्द का अर्थ है बांधना, बांधनी प्रिंट की खास बात है कि यह बहुत ही पुराने समय से प्रचलित है और इसके प्रमाण सिंधु घाटी सभ्यता के समय में भी मिलते हैं. अनुमानित रुप से लगभग हजारों साल पहले से इसकी शुरुआत गुजरात राज्य से हुई, राजस्थान में भी इसका खूब प्रचलन रहा और अब पंजाब, उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में भी खूब पसंद की जाती है. इस खास प्रिंट की शुरूआत गुजरात राज्य में खत्रियों द्वारा की गई थी. Read More – Today’s Recipe : अब कढ़ाई पर आसानी से बनाएं Garlic Bread, ओवन की नहीं पड़ेगी जरूरत …
मेहनत भरा है बांधनी प्रिंट का काम
बांधनी प्रिंट का काम बड़ी ही मेहनत का काम है, इसे बहुत सारे कारीगर एक साथ मिलकर करते हैं और अगर इसे बनाने वाले कुछ ही लोग हो तो प्रिंट में काफी समय भी लग जाता है. ज्यादातर यह काम युवा लड़कियों द्वारा किया जाता है जो कपड़े पर निपुणता से कार्य करने के लिए लंबे नाखून रखती हैं. इसमें कपड़े को कई स्तरों पर मोड़ना, बांधना और रंगना शामिल है. लाल या नीले रंग की पृष्ठभूमि पर सफेद अथवा पीली बिंदियों वाला वस्त्र रंगों से रंगा जाता है, वैसे तो ज्यामितीय आकृतियां सबसे ज्यादा पसंद की जाती हैं, लेकिन एनिमल प्रिंट्स, फूलों तथा रासलीला आदि दृश्यों को भी कई बार शामिल किया गया है. टाई एंड डाई में और भी कई पैटर्न हैं जो काफी पसंद किए जाते हैं. जयपुरिया दुपट्टा तो हर लड़की की पसंद है.
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