भोपाल। गुरुवार को कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सत्याग्रह का दूसरा दिन है. दूसरे दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के निशाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे. ज्योतिरादित्य ने मीडिया से चर्चा करते हुए किसानों की मौत पर सीएम शिवराज सिंह चौहान पर दूसरे दिन भी हमला किया. गुरुवार को सिंधिया ने कहा कि, सरकार कर्ज माफी का ऐलान क्यों नहीं करती? किसान परेशान हैं, उन्हें राहत देने के लिए कर्ज माफी होनी चाहिए.
सिंधिया ने मुख्य रुप से ये बाते कहीं
- सिंधिया ने कहा कि यह छल-कपट वाली सरकार है. किसानों के नाम सरकार बनी, लेकिन इसे किसानों की फिक्र नहीं है.
- सिंधिया ने ऐलान किया कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिल जाता, संघर्ष जारी रहेगा. उन्होंने कहा सरकार किसानों के साथ साहूकारों की तरह व्यवहार कर रही है. किसानों, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को उनके घरों में घुसकर लठों से पीटा यह कैसी सरकार है.
- सिंधिया ने कहा कि वो पब्लिक स्कूल में पढ़े हैं. वहां सिखाया जाता है कठिन से कठिन परिस्थितियों में कैसे काम करना है. हम अच्छी तरह जानते हैं कि इस परिस्थिति से किस तरह निपटा जाए. हम किसानों को उनका न्याय दिलाकर रहेंगे. देखते हैं यह सरकार कब तक किसानों को नजरअंदाज करती रहेगी.
कार्यक्रम में हुए बदलाव के बाद बुधवार को शुरू हुआ सत्याग्रह शुक्रवार 3 बजे तक भोपाल में चलेगा। इसके बाद सभी नेता खरगौन (खलघाट) के लिए रवाना होंगे जहां सत्याग्रह का समापन होगा।
सस्ते भाव में उपज बेचना किसानों की मजबूरी
कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सत्याग्रह में पार्टी के सभी दिग्गज एक मंच पर आएंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कमलनाथ खरगौन जिले के खलघाट में शनिवार को 72 घंटे के सत्याग्रह के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे.
कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सत्याग्रह में पार्टी के सभी दिग्गज एक मंच पर आएंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कमलनाथ खरगौन जिले के खलघाट में शनिवार को 72 घंटे के सत्याग्रह के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे.
दिग्विजय सिंह ने लिखा पत्र…
दिग्विजय ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने किसानों की उपज समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि देश में इस साल दलहन की पैदावार जितनी देश में मांग है, उससे कहीं अधिक हुई है. इसके बावजूद केंद्र सरकार ने दालों पर आयात शुल्क शून्य प्रतिशत रखा है. जिससे प्रदेश के किसानों को उचित भाव नहीं मिल पा रहा है. नाफेड की खरीदी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से किसानों को सस्ते भाव में उपज बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है
दिग्विजय ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने किसानों की उपज समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि देश में इस साल दलहन की पैदावार जितनी देश में मांग है, उससे कहीं अधिक हुई है. इसके बावजूद केंद्र सरकार ने दालों पर आयात शुल्क शून्य प्रतिशत रखा है. जिससे प्रदेश के किसानों को उचित भाव नहीं मिल पा रहा है. नाफेड की खरीदी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से किसानों को सस्ते भाव में उपज बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है