रायपुर. इस साल शनिदेव एक ही बार राशि बदलेंगे और 17 जनवरी से अपनी ही राशि यानी कुंभ में रहेंगे. जिससे धनु राशि वालों की साढ़ेसाती खत्म होगी. मिथुन और तुला राशि के लोगों को ढय्या से राहत मिलेगी. स तरह पूरे साल मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का असर रहेगा. कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढय्या शुरू हो जाएगी.

30 साल बाद अपनी मूल राशि में गोचर

शनि 17 जनवरी को राशि परिवर्तन करते हुए मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. करीब कई साल बाद शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे. शनि के कुंभ राशि में गोचर से 5 राशियों पर शनि का प्रतिकूल प्रभाव शुरू हो जाएगा. इस गोचर के बाद कुछ राशियों की साढ़ेसाती और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या लग जाएगी. जबकि मिथुन राशि के लिए शनि नवम भाव में होकर ढैय्या से इन्हें मुक्ति देंगे लेकिन अभी भी इनकी भाग्य भाव को प्रभावित करेंगे.

मीन राशि पर शुरू होगी साढ़ेसाती

शनि के कुंभ राशि में आते ही मीन राशि साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और धनु राशि वालों को इससे राहत मिलेगी. इस तरह पूरे साल मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का असर रहेगा. इनमें मकर राशि वालों को जॉब और बिजनेस में तरक्की मिलने के योग बनेंगे. लेकिन कुंभ और मीन राशि वाले लोग परेशान हो सकते हैं. इन दोनों राशियों के लोगों को चोट लग सकती है. कामकाज में अनचाहे बदलाव होने की भी आशंका है.

कर्क और वृश्चिक राशि पर रहेगी ढैय्या

शनि के राशि परिवर्तन करने से मिथुन और तुला राशि के लोगों को ढैय्या से राहत मिलेगी. इन राशियों के लोगों को फायदा होगा. लेकिन कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. जिससे इन दो राशियों के लोगों के ट्रांसफर होने, नौकरी और बिजनेस में जिम्मेदारी बदलने के योग बनेंगे. दौड़ भाग बढ़ सकती है. विवाद हो सकते हैं. कामों में ज्यादा मेहनत के बाद ही सफलता मिल पाएगी. इसलिए इन राशियों के लोगों को संभलकर रहना होगा.

हनुमान जी की पूजा करें

ग्रंथों में बताया गया है कि शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए हर शनिवार शनि देव को तेल चढ़ाना चाहिए. मंगलवार को हनुमान जी की पूजा से भी शनि दोष कम होते हैं. लोहा दान देने से शनि की दृष्टि निर्मल होती है. काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलानी चाहिए. सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है.