चंडीगढ़. पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य सचिव अजॉय शर्मा विभाग से ट्रांसफर कर दिया गया है. जिसके बाद पूर्व स्वास्थ्य सचिव सीवीसी के घेरे में है. पद से हटाने के बाद सीवीसी ने जांच तेज कर दी है.
आपको बता दें कि, अजॉय शर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है. साथ ही उन पर अस्पतालों में मशीनों की खरीदी के मामले और अपने परिजनों टेंडर देने के गंभीर आरोप लगाए गए है. पूर्व स्वास्थ्य सचिव अजॉय शर्मा को 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार ने विभाग का कमान सौंपा था. वहीं वित्त आयोग से भी उनका ट्रांसफर कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार, सरकार लंबे समय से स्वास्थ्य सचिव पर नजर रख रही थी. लेकिन किसी प्रकार को पक्का सबूत नहीं मिलने से सरकार चुप बैठी थी. इस दौरान अजॉय शर्मा का एक बयान भी सामने आया. जिसमें उन्होंने अपने ट्रांसफर का मुख्य कारण बताया है. उन्होंने कारण बताते हुए कहा कि, सरकार विभाग का 30 करोड़ रुपये दूसरे राज्यों में प्रचार करने पर खर्च करना चाहती थी. जिसे अजॉय शर्मा ने देने से इंकार कर दिया था. जिसके चलते सरकार उन्हें दोनों पदों से हटा दिया. अजय शर्मा के जगह पर विकास प्रताप को वित्त आयुक्त और वी.के मीणा को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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