बीकानेर. राजस्थान के बीकानेर में बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां सरकारी नौकरी की चाहत में एक पिता ने अपनी ही पांच महीने की मासूम बच्ची को जिंदा नहर में फेंक दिया। आस-पास मौजूद लोग जब मासूम को बचाने के लिए पानी में कूदे तब तक मासूम की सांसें थम गई थी। पुलिस ने मामला सामने आने के बाद आरोपी पिता को हिरासत में लिया है।
नाकेबंदी के दौरान पकड़ाए आरोपी
बच्ची को इंदिरा गांधी नहर में फेंकने की जानकारी मिलने के साथ ही छत्तरगढ़ व खाजूवाला एरिया में नाकेबंदी की गई थी। जहां खाजूवाला के ट्रेनी सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने एक बाइक को रोका, जिस पर पुरुष, महिला और एक बच्चा था। तीनों को रोककर पूछताछ करने पर उन्होंने साले के यहां आना बताया। शक होने पर मुकेश कुमार ने इन तीनों का फोटो खींच लिया। बाइक का भी फोटो लिया। झंवरलाल का आधार कार्ड का फोटो भी मोबाइल में लिया। इसके बाद जाने दिया। आला अधिकारियों को इस बारे में बताया तो दियातरा से झंवरलाल के बारे में जानकारी ली गई। यहीं से पता चला कि वो एक नहीं दो बच्चों के साथ गया था, जिसमें एक पांच महीने की बच्ची भी थी।
नौकरी का सवाल था, इसलिए फेंका
पुलिस ने बताया कि झंवरलाल इन दिनों संविदा पर सरकारी स्कूल में टीचर लगा हुआ है। उसे उम्मीद थी कि वो जल्द ही स्थायी हो जाएगा। नौकरी में शर्त है कि दो से ज्यादा संतान नहीं होनी चाहिए। हालांकि एक बच्ची को नहर में फेंकने के बाद भी उसके तीन बच्चे हैं। इनमें एक बेटी उसने बड़े भाई को गोद दे रखी है। हालांकि उसका अभी भी ये कहना है कि दुर्घटनावश ही बच्ची नहर में गिर गई थी।