कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम (Pariksha Pe Charcha) को लेकर छात्र-छात्राओं में जबरदस्त उत्साह नजर आया. पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान छात्र-छात्राओं के जीवन से जुड़े हुए हर पहलू पर उनसे चर्चा की, लेकिन विशेष तौर पर टेक्नोलॉजी की दौड़ में छात्र छात्राओं को सप्ताह में एक दिन डिजिटल उपवास (digital fasting) रखने की सलाह दी. पीएम मोदी की कही बात का छात्र-छात्राओं के मन पर इतना गहरा असर हुआ है कि ग्वालियर में डिजिटल उपवास रखने का संकल्प छात्र-छात्राओं ने लिया है.

देश भर की तरह ग्वालियर में भी पीएम मोदी (PM Modi) की परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम 2023 को छात्र-छात्राओं ने सुना. ग्वालियर में केंद्रीय विद्यालय, शासकीय और प्राइवेट स्कूलों में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया. देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जिस गोरखी स्कूल में पढ़े हैं, वहां जिले का मुख्य कार्यक्रम आयोजन हुआ. ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने छात्र छात्राओं के साथ पीएम की चर्चा को चुना. पीएम मोदी ने छात्र, शिक्षक और अभिभावक के बीच जीवन में किस तरह से संतुलन बनाकर रखना जरूरी है इस पर भी प्रकाश डाला.

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पीएम मोदी ने सबसे विशेष रुप से टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के बीच छात्र-छात्राओं को सप्ताह में एक दिन डिजिटल उपवास रखने की सलाह दी. छात्र-छात्राओं ने भी पीएम की इस सलाह को जीवन में अपनाने की बात कही है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि वह सप्ताह में 1 दिन डिजिटल उपवास रखेंगे. उस दिन वह किसी भी डिजिटल गैजेट का उपयोग नहीं करेंगे, बल्कि पीएम के बताए अनुसार परिवार के सदस्य दोस्तों और शारीरिक खेलकूद जैसी गतिविधियों को समय देंगे.

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गौरतलब है कि टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के कारण छात्र-छात्राएं डिजिटल गैजेट्स की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं. वह परिवार दोस्तों और खेलकूद जैसी गतिविधियों से दूरी बनाने लगे है. यही वजह है कि कम उम्र में चश्मा लगना, शारीरिक रूप से कमजोरी, मानसिक रूप से उम्र के अनुसार विकास ना हो पाना, डिप्रेशन जैसी कई गंभीर बीमारियों की जकड़ में छात्र छात्रा आ रहे हैं. पीएम की सलाह के बाद डिजिटल उपवास को जीवन में अपनाने की बात छात्र-छात्राओं ने कही है. जिसका असर उनकी परीक्षा और उसके परिणामों पर भी देखने मिलेगा.

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