रायपुर. सेंट्रल जेल में डायरिया फैलने से कैदी बीमार हो गए थे. जिसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे है. बताया जा रहा है कि जेल बंद कैदियों की हालत का जायजा लेने आए है. इसके साथ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूजा जायसवाल, नीलम चंद सांखला, उप सचिव दिग्विजय सिंह समेत कई लोग मौजूद है.दरअसल अंबिकापुर सेंट्रल जेल में उल्टी-दस्त से कई कैदी बीमार हो गए थे. जिन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बुधवार को अस्पताल में भर्ती एक कैदी की मौत हो गई थी. जिसके बाद से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया था. वहीं डॉक्टर कैदियों को फूड प्वाइजनिंग का शिकार होना बताया था.

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि हाईकोर्ट के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर रायपुर के सेंट्रल जेल का निरीक्षण करने पहुंचे है. यहां बंद कैदियों की स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रहे है. यहां भी कैदी कहीं बीमारी की चपेट में तो नहीं आ गए है इसकी पड़ताल की जा रही है.वहीं मुलाकात के दौरान एक आजीवन कारावास के कैदी ने जस्टिस के कहा कि 16 साल सजा काटने के बाद भी मेरा कारावास खत्म नहीं हुआ है. जिस पर जस्टिस ने कहा कि आजीवन कारावास मृत्यु होने तक रहता है ना कि 14 साल का होता है. यदि कैदी का जेल में व्यवहार अच्छा रहता है तो 14 साल में आजीवन कारावास खत्म हो जाता है.

प्रीतिंकर दिवाकर ने बताया कि कैदियों को अधिकारियों के प्रति जागरुक करने आए है. साथ ही कैदियों से कहा गया है कि कोई भी परेशानी होने पर हमें चिट्टी लिखकर सलाह ले सकते है. जिसका निराकरण भी किया जाएगा.

हाईकोर्ट के जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर के साथ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूजा जायसवाल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला, राज्य विधिक प्राधिकरण सदस्य सचिव विवेक तिवारी, उप सचिव दिग्विजय सिंह, रायपुर जिला विधिक विभाग के प्रमुख सचिव रवि शंकर शर्मा, बार काउंसिल उपाध्यक्ष संजय शर्मा मौजूद है.