हर्षराज गुप्ता, खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन (Khargone) जिले में लगभग डेढ़ सौ 145 वर्षो के सफर में क्षेत्र के नागरिकों की हमसफर रही मीटर गेज ट्रेन के आखिरी सफर (last journey of the train) को अंतिम विदाई दी तो कुछ लोगों के आंसू भी छलक पड़े। जी हां हम बात कर रहे है महू से ओंकारेश्वर (Mhow to Omkareshwar) तक चलने वाली उस ट्रेन (Train) की, जो लंबे समय तक यात्रियों (passengers) को ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर के दर्शन के लिए मोरटक्का तक पहुंचाती रही।

अंग्रेजों के शासन काल में बनाये गए मीटर गेज के ट्रैक को अब ब्राड गेज (broad gauge) में परिवर्तन किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी कारण इस ट्रैक पर चल रही एकमात्र ट्रेन को भी 31 जनवरी से रेलवे विभाग द्वारा बंद कर दिया गया है। इसी के चलते आज इस ट्रेन के आखिरी सफर पर नागरिकों ने मोरटक्का व खरगोन जिले के बड़वाह में ट्रेन के चालक व टीसी का हार पहना कर स्वागत किया। नागरिक इस वक्त पर ट्रेन के सफर के इतिहास को याद करते हुए उदास भी दिखे तो इस बात पर खुशी भी प्रकट की अब इस ट्रैक के ब्राड गेज परिवर्तन से उत्तर से दक्षिण तक विकास के नए द्वार खोलेगा।

उल्लेखनीय है कि नर्मदा नदी पर बने मजबूत रेलवे पुल को भी ध्वस्त कर ब्राडगेज के लिए नया पुल निर्माण की कवायद शुरू हो चुकी है। इस ट्रैक पर लोग आंध्रप्रदेश के काचीगुड़ा से राजस्थान के जयपुर तक के सफर को आज भी अपने जेहन में संजोए हुए है। मीनाक्षी एक्सप्रेस के नाम से चलने वाली इस ट्रेन की यादें आज भी लोगों के दिलों दिमाग में बसी है।

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