लखनऊ. उत्तर प्रदेश में रामचरित मानस पर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार चर्चा में बने हुए हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने रामचरित मानस को पिछड़ों और दलितों को अपमानित करने वाला ग्रंथ कहा था. इस बीच एक और सपा विधायक ने मौर्य के साथ सुर मिलाया है. रानीगंज के सपा विधायक डॉ. आरके वर्मा ने तुलसीदास को भेदभाव, उंचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित बताया है.
डॉ. आरके वर्मा ने ट्वीट कर कहा, “तुलसीदास भेदभाव, ऊंचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित कवि थे, जिनकी रामचरित मानस की अनेको चौपाइयां जो संविधान विरोधी हैं, उससे आज का पिछड़ा, अनुसूचित, महिला और संत समाज अपमानित होता है, ऐसी चौपाइयों को हटाने के साथ तुलसीदास को छात्रों के पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए.”
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को फिर एक बार कहा कि रामचरित मानस पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही है. ग्रंन्थ की कुछ चौपाइयों के अंश आपत्तिजनक हैं. सभी धर्मों का सम्मान करता हूं, गाली देना अपमानित करना धर्म नहीं हो सकता. यह सच नहीं है कि करोड़ों लोग इसे पढ़ते हैं. इसे तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा था, लेकिन धर्म के नाम पर गालियां क्यों? पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को गालियां. मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं, लेकिन अगर धर्म के नाम पर किसी समुदाय या जाति को अपमानित किया जाता है तो यह आपत्तिजनक है.
भाजयुमो ने जताया विरोध
वहीं इस बयान के विरोध में प्रतापगढ़ में भाजयुमो ने सपा विधायक आरके वर्मा का पुतला फूंका. युवा मोर्चा ने सपा विधायक की शव यात्रा निकाली. एसपी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई.
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