प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. जिले के कुंडा तहसील ऑफिस के बाबू और पटवारी का एक बड़ा कारनामा सामने आया है. जिन्होंने तहसीलदार के द्वारा पारित बंटवारा आदेश में कांट-छांट कर एक पक्ष को लाभ पहुंचाने दूसरे पक्ष के किसान के जमीन को कम कर रिकॉर्ड दुरुस्त कर दिया. मामले की जब जानकारी हुई तो पीड़ित किसान ने एसडीएम पंडरिया में अपील करते हुए शिकायत किया, जिसमें आवेदक की अपील को सही पाया गया. जिसके बाद त्रुटिपूर्ण बंटवारा आदेश को निरस्त किया.
लेकिन दोषी पटवारी और बाबू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

दरअसल, यह पूरा मामला कुंडा तहसील के ग्राम हथमुड़ी का है. जहां के कृषक नारायण चंद्राकर, बद्री चंद्राकर वासुदेव चंद्राकर तीनों भाई अपने पैतृक भूमि का बंटवारा कराने के लिए आवेदन किया था. जिसमें कब्जे के आधार पर तत्कालीन तहसीलदार ने बंटवारा दिया, जिस पर सभी भाइयों की सहमति था. लेकिन तहसील के बाबू ने एक पक्ष से मिलीभगत कर तहसीलदार के आदेश में कांट-छांट कर दूसरे पक्ष के जमीन को कम कर दिया और खुद ही अधिकारी का साइन किया.

वहीं पटवारी ने भी गलत ढंग से फर्द बंटवारा करते हुए पर्ची जारी कर दिया. मामले की शिकायत पुलिस थाने तक पहुंची, जिसमें तहसीलदार ने अपने बयान में कहा कि उनके द्वारा पारित आदेश में किसी प्रकार का कही भी कांट छांट नहीं किया गया है. इस बात की पुष्टि एसडीएम ने भी की है. लेकिन अब तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना होना राजस्व विभाग के ऊपर बड़ा सवाल खड़ा करता है. आखिर यह खेल कब तक चलता रहेगा. वहीं अब मामले में कोई कार्यवाही नही होते देख पीड़ित किसान ने मामले को कोर्ट तक ले जाने की बात कही है.