अगर आप भी बुंदेलखंड घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं, तो यह खबर खास आपके लिए है. इन दिनों बुंदेलखंड क्षेत्र में सैलानियों का जमावड़ा लगा हुआ है. इस क्षेत्र की खासियत की बात करें तो तीन पर्यटन स्थल खजुराहो, पन्ना, ओरछा घूमने के लिए लोग दुनिया भर से आते हैं. आज हम आपको इन तीनों स्थानों से परिचित कराने वाले है. इसकी खासियत भी बताएंगे.
खजुराहो
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है. खजुराहो अपने मंदिरों की बाहरी दीवारों पर बनी कामुक मूर्तियां और कामसूत्र से प्रेरित नकाशी के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई होती है. प्रकृतिक सौंदर्य के बीच मंदिरों की चमक और भी बढ़ जाती है. हर साल यहां सैलानियों की आवजाही लगी रहती है.
प्रमुख पर्यटन स्थल खजुराहो में काफी जश्न जैसा माहौल रहा है. यहां के होटल व रिसॉर्ट पर्यटकों से भरे हुए हैं. यहां विदेशी पर्यटकों की संख्या काफी ज्यादा देखने को मिलती है. वहीं खजुराहो से चंद किलोमीटर दूर रनेह वाटर फॉल, केन घड़ियाल अभयारण्य से लेकर तमाम जगह पिकनिक और पार्टी करने जैसा नजारा देखने को मिलता है.
खजुराहो प्रेमी जोड़ों के लिए भी काफी मशहूर है. यहां घूमने वालों की 12 महीनों भीड़ लगी रहती है. खजुराहो को यूनेस्को विश्व धरोहर में भारत के एक धरोहर क्षेत्र के रूप में भी गिना जाता है.
पन्ना टाइगर रिजर्व
वहीं पन्ना जिले की बात करें तो यहां टाइगर रिजर्व में जंगल के राजा सहित वन्य प्राणियों को दिखने के लिए यहां सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ रहती है. यहां जंगलों के बीच सैलानियों को घुमाया जाता है. ऐसे में यहां हर दिन जंगल की खूबसूरती को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोगों पहुंचते हैं. जो लोग प्रकृति और वन्य जीवन प्रेमी है, उनके लिए पन्ना राष्ट्रीय उद्यान है. जो कि खजुराहो के पास है.
प्रकृति का आनंद लेने के लिए दर्शनीय स्थान है. यहां पाये जाने वाले बाघों के लिए पाई जाती है. जिन्हें सफारी ट्रिप के दौरान आसानी से देखा जा सकता है. जलीय प्रजातियों को करीब से देखने के लिए आप सफारी के दौरान केन नदी पर नाव चलाना भी चुन सकते हैं. राष्ट्रीय उद्यान की जीप सफारी एक शानदार अनुभव देता है. प्रत्येक वाहन में अधिकतम सात पर्यटक बैठते हैं.
ओरछा
निवाड़ी जिले के ओरछा किला झांसी से 16 किमी दूर बेतवा नदी पर है. किला देखने के लिए सैलानी दूर-दूर से आते हैं. किले की वास्तुकला बेहद शानदार और आकर्षक है. सैलानियों के लिए इस किले में कई तरह के आयोजन भी किये जाते हैं. यह किला सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक खुला रहता है. किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में बुंदेला वंश के राजा रुद्र प्रताप सिंह ने करवाया था. किले का मुख्य आकर्षण राजा महल है.
इसके अलावा किले में शीश महल, फूल बाग, राय प्रवीण महल और जहांगीर महल हैं. इस किले के एक हिस्से को राम राजा मंदिर में बदल दिया गया है. जहां भगवान राम को राजा राम के रूप में पूजा जाता है. इस किले की वास्तुकला में बुंदेलखंडी और मुगल प्रभावों का मिश्रण देखने को मिलता है. इतिहास और आर्किटेक्चर लवर्स के लिए यह किला परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. . इस किले के एक हिस्से में फूल बाग है.
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