रायपुर। झीरम नक्सल कांड मामले में फिर सियासत गरमाने लगी है. BJP विधायक अजय चंद्राकर के बयान पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ा तो भाजपा इतना तिलमिला क्यों रही है ?.

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि डॉ. रमन सिंह से पूछताछ होनी चाहिए. नक्सल घटना के दौरान डॉ. रमन सिंह की सरकार थी. रमन सरकार में मंत्री रहे सदस्यों से पूछताछ होनी चाहिए. अजय चंद्राकर को कुछ पता है तो उन्हें जांच आयोग के पास जाना चाहिए. जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ा तो भाजपा इतना तिलमिला क्यों रही है?.

क्या कहा था चंद्राकर ने ?

अजय चंद्राकर ने कहा था कि मंत्री कवासी लखमा से पूछताछ होनी चाहिए. मंत्री कवासी लखमा को सब जानकारी है. लखमा घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं. झीरम नक्सल कांड पर पीड़ित परिवार को अब तक न्याय नहीं मिला. लखमा जिसे भी दोषी बताए उसे फांसी पर चढ़ा देना चाहिए. मुझे दोषी बताएं तो मुझे फांसी पर चढ़ा दें.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा था कि लखमा से सरकार को तत्काल इस्तीफा लेकर पूछताछ करनी चाहिए. झीरम के मामले में सिर्फ राजनीति ही होती रही है. कांग्रेस सिर्फ न्याय देने की बात कहती रही.

अजय चंद्रकार ने कहा था कि जांच आयोग बनाने की जरूरत नहीं थी. झीरम का सत्य तो सामने है. कांग्रेस को राजनीति करनी है. अगर जांच पूरी हो गई तो राजनीति कैसे करेगी. कितनी ही कमेटियां बना दी गई ? किसकी जांच पूरी हुई ? जब प्रत्यक्षदर्शी सरकार में मंत्री है तो उनका इस्तीफा लेकर उनसे पूछताछ होनी चाहिए.

अजय चंद्रकार ने कहा था कि कवासी लखमा को तो सब पता है. उनसे बंद कमरे में रोज पूछताछ होनी चाहिए. वो जिसे दोषी बताए उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए. मुझे दोषी बताते हैं, तो मुझे फांसी पर लटका दे. इस मामले में सिर्फ राजनीति हो रही है. कांग्रेस सरकार आने के बाद पीड़ित परिवार को क्या मिला ? जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ाने से कुछ नहीं होगा ?

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