बीते साल टेक की दुनिया में ह्युमन लाइक टैक्स्ट (human like text) को समझने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट चैपजीपीटी को पेश किया गया. यह इंटरनेट की दुनिया में एक नई क्रांति है क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च कंपनी OpenAI के इस पॉपुलर चैटबॉट को गूगल का राइवल माना जा रहा है. इसलिए गूगल ने 6 सालों के बड़े अनुसंधान के बाद एआई पर आधारित बार्ड को रिवील किया है. गूगल के Bard का सीधा मुकाबला माइक्रोसोफ्ट के निवेश वाले चैटबॉट ChatGPT से होगा.

क्या खत्म हो जाएंगे सर्च इंजन?

ऐसा नहीं है कि ये चैटबॉट्स सर्च इंजन को खत्म कर देंगे. कम से कम अभी के लिए नहीं, बल्कि इनकी वजह से आपका सर्च इंजन यूज करने का तरीका बदल जाएगा. Microsoft लंबे समय से सर्च इंजन मार्केट में Google को टक्कर देने की कोशिश कर रहा है. कंपनी काफी कोशिश के बाद भी गूगल का मार्केट शेयर कम नहीं कर पाई है. अब कंपनी को एक नया सेगमेंट दिखा है, जहां वो Google से पहले अपने पैर जमा सकती है.

सुंदर पिचाई ने बताया क्या है Bard ?

बता दें कि Bard एक्सपेरिमेंटल कन्वरसेशनल AI पर आधारित है, जो कि ये यूजर से बातचीत के लिए लेम्डा (lambda) यानि कि लेंगवेज मॉडल डायलोग एप्लीकेशन पर काम करता है. सुंदर पिचाई ने Bard की बड़ी खासियत के बारे में बताते हुए कहा कि ये वेब से जानकारी लेने में समर्थ है, जबकि ChatGPT ऐसा नहीं कर पाता है.

सही जानकारियां देने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कितना कारगर ?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अगर यूजर के पूछे सवालों पर सही जवाब देता है तो यह यूजर की पसंद बन जाता है. लेकिन किसी स्थिति में जब यूजर को किसी सवाल का जवाब जानना हो और यूजर खुद सही जवाब से पूरी तरह अनजान हो, तब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भरोसा करना कितना सही होगा?

गूगल के बार्ड को जब परखा गया तो वह तीन में से एक जवाब को सही बताने में असफल रहा. ऐसे में यूजर की विश्वसनियता चैटबॉट पर से उठना लाजमी है. यानी कहा जा सकता है कि यूजर सही जानकारियों की अपेक्षा आर्टफिशियल इंटेलिजेंस से नहीं कर सकता है. हमने अभी अभी AI के युग में कदम थामा है. AI को पुरे तरह से विकशित होने में अभी समय और शोध की जरुरत है.

भारत में AI के बाजार की क्या स्थिति है?

अकेले भारत में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बाजार का 2025 तक 7.8 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) की कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट के अनुसार एआई मार्केट हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सेवा बाजारों को कवर करते हुए 20.2 प्रतिशत की सीएजीआर (Compound Annual Growth Rate) से बढ़ रहा है. IDC के अनुसार भारत में AI का कारोबार अगले पांच वर्षो में बहुत तेजी से बढ़ सकता है.