अमृतांशी जोशी, भोपाल। कन्वर्टेड लोगों से सरकारी सुविधाएं छीनने की मांग को लेकर भोपाल में जनजातीय सुरक्षा मंच का आज महाआंदोलन होने जा रहा है। दरअसल, जनजातीय सुरक्षा मंच ऐसे लोगों को डी-लिस्टिंग करने की मांग कर रहे हैं जो लोग आदिवासी कोटे से नौकरी में आए और बाद में धर्म परिवर्तन कर लिया है। इस आंदोलन में प्रदेश के 40 जिलों से लाखों की संख्या में जनजातीय समुदाय के लोगों के जुटने का दावा किया गया है।

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भोपाल

आदिवासियों की गर्जना रैली का नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस तरह के आंदोलनों का घोर समर्थन करता हूं। राजस्थान के मीणा समाज के लोग हैं। राजस्थान में जनरल ओबीसी क्लास में आते हैं। यहां एसटी बनकर नौकरियां प्राप्त कर ली है। मध्यप्रदेश में ऐसे लोगों को नौकरी नहीं मिलनी चाहिए। फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर भी आदिवासियों का हक छीनने का काम किया जा रहा है, लेकिन जांच कर ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

लगातार हो रहे धर्म परिवर्तन पर गोविंद सिंह ने कहा कि मैं तो पूरा समर्थक हूं जिसको जहां जाना हो जाए। किसी को सनातन धर्म पसंद है। किसी को सिख धर्म पसंद है। किसी को जैन धर्म पसंद है। अपने अपने धर्म का पालन करें। किसी भी धर्म को ग्रहण करने का अधिकार है। प्रजातंत्र में किसी धर्म में जाने आने पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।

बता दें कि 1970 से संसद में डिलिस्टिंग बिल लंबित है। जनजातीय समाज की मांग है कि इस बिल को पारित किया जाए।जनजातीय संस्कृति व पहचान छोड़ने वालों से आरक्षण का लाभ भी छीना जाए। अनुसूचित जाति की तरह अनुसूचित जनजातीय में भी ईसाई व इस्लाम धर्मांतरितों की डिलिस्टिंग की जाये।

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