संतोष राजपूत, शुजालपुर। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले (Shajapur) में विकास यात्रा (Vikas Yatra) के दौरान फौती नामांतरण न होने की शिकायत पर स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री भड़क उठे। जिसके बाद मंत्री ने पटवारी (Patwari) को निलंबित (Suspended) कर नायब तहसीलदार की जांच करने के निर्देश दिए है। वहीं मनरेगा भ्रष्टाचार मामले में कलेक्टर ने दो रोजगार सहायकों की संविदा सेवा समाप्त कर दी। एक रोजगार सहायक पर FIR दर्ज करने के भी आदेश दिए है।
नामांतण न होने की शिकायत पर भड़के मंत्री, पटवारी निलंबित
शुजालपुर विधानसभा (Shujalpur) इलाके में निकाली जा रही विकास यात्रा के दौरान ग्राम मगरोला पहुंचे स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) को जब ग्रामीण ने मंच पर पहुंचकर परिजन की मृत्यु के बाद नियमानुसार फौती नामांतरण न करने की शिकायत की तो मंत्री भड़क उठे। अफसरों ने नायब तहसीलदार कोर्ट में प्रकरण प्रचलित होने का हवाला दिया, तो मंत्री ने पटवारी को निलंबित करने और नायब तहसीलदार (Naib Tehsildar) की जांच करने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री कहते हुए नजर आए कि परिजन की मृत्यु के बाद नियमानुसार फौती नामांतरण कराते हुए वैध उत्तराधिकारी को संपत्ति अपने नाम दर्ज कराने का पूरा अधिकार है। मंत्री इंदर सिंह परमार ने संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा इसलिए निकाली जा रही है, ताकि लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका समाधान किया जाए। मंत्री ने जल समस्या सामने आने पर पीएचई के अधिकारियों को तत्काल बोर खनन कराकर निर्मित हो चुकी पानी की टंकी से पेयजल सुलभ कराने के निर्देश दिए। मंत्री ने दो टूक कहा कि अप्रैल में इस यात्रा की समीक्षा के लिए निकलेंगे, उस समय यदि शिकायतों का समाधान होना नहीं पाया गया तो अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।
शुजालपुर में अफसरों ने मुर्दे से खुदवाया कुआ
शुजालपुर जनपद पंचायत की ग्राम मगरोला मायापुर में रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत स्वीकृत हुए कपिलधारा कूप के हितग्राही उदय सिंह पिता कमल सिंह, मोहन सिंह पिता नारायण सिंह, कमला बाई पति हरि सिंह के कूप निर्माण में जिन मजदूरों ने काम नहीं किया था, पंचायत ने उन्हें भी मस्टर पर मजदूरी करना दिखाते हुए का गलत भुगतान कराया। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जांच में सामने आया कि संतोष और लखन सिंह को श्रमिक बताकर 8 हजार से अधिक की मजदूरी भुगतान की गई, जबकि उन्होंने वास्तविक रूप से श्रमिक के रूप में काम नहीं किया था। इसी तरह फर्जी मजदूर बनाकर समीर, धीरज सिंह, भंवरलाल, तेज कुंवर, पुष्पा बाई, संतु बाई, सरस्वती के नाम भी मस्टर पर चढ़ाकर फर्जी उपस्थिति, फर्जी मजदूरी दर्जकर भुगतान और आहरण किया गया।
मजदूर के आगे दूसरों के खाते लिख डकार ली राशि
इतना ही नहीं संतु बाई और सरस्वती के नाम के आगे मनरेगा पोर्टल पर दूसरे लोगों के खाते चढ़ाकर उनके खाते में मजदूरी का भुगतान कराया गया। इस मामले में ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ अनिल जायसवाल ने बताया कि उन्हें पूर्व में पदस्थ रोजगार सहायक माखन मालवीय ने पंचायत में पहले से चले आ रहे मजदूरी रोजगार कार्ड के आधार पर ही मस्टर भरने को कहा गया, इसलिए उन्होंने भरोसे में आकर यह सब किया। अनिल जायसवाल पर 30238 रुपये की वसूली कर सरकारी खाते में जमा करने, उनकी संविदा सेवा समाप्ति के आदेश कलेक्टर (Collector) ने जारी किया है।
तत्कालीन रोजगार सहायक माखन भी नपे, होगी FIR
इसी मामले में पंचायत में पूर्व में पदस्थ रहे रोजगार सहायक और वर्तमान में डूंगलाय पंचायत में पदस्थ माखन मालवीय ने अधिकारियों के समक्ष मृत हो चुके व्यक्ति विक्रम सिंह का नाम रोजगार गारंटी योजना में मजदूरी के मस्टर में अंकित करने की स्वीकारोक्ति दी। ग्रामीण उदय सिंह पिता कमल सिंह के कुएं में मृत विक्रम को मजदूरी करना दिखाकर 2316 रुपये का भुगतान कराया गया। अधिकारियों के सामने जवाब देते हुए रोजगार सहायक माखन मालवीय ने कहा कि हितग्राही ने ही मृत हो चुके विक्रम का नाम डिमांड में डालने को कहा था।
इसलिए उनका नाम डाला है। यह भी आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत वापस लेने के लिए उससे राशि की मांग कर रहा है और यह शिकायत राजनीति से प्रेरित है। अधिकारियों ने माखन मालवीय को कर्तव्य में भी लापरवाही पाते हुए उनके खिलाफ 13 हजार 281 रुपये की रिकवरी सरकारी खाते में जमा कराने, संविदा सेवा समाप्त करने के आदेश के साथ एफआईआर कराने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं।
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