नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में मची उठा-पटक पर अब सुप्रीम कोर्ट की दखल होने जा रही है. मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के नाम बंद लिफाफे में दिए जाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, इसके साथ खुद कमेटी गठन का फैसला लिया है.
बता दें कि अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बनी परिस्थितियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं दायर की गई हैं. इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन की बात कहते हुए सरकार से विशेषज्ञों के नाम मांगे थे. इस पर सरकार की ओर से सीलबंद लिफाफे में विशेषज्ञों के नाम देने की बात कही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के बंद लिफाफे में नाम दिए जाने के सुझाव को स्वीकार नहीं की. कोर्ट ने मामले में पूरी पारदर्शिता की दलील देते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार के कदम को स्वीकार कर लिया गया तो इससे संदेश जाएगा कि सरकार की तरफ से बनी कमेटी को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी है. ऐसे स्थिति में सुप्रीम कोर्ट ने खुद समिति का गठन करने का फैसला लिया.
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