प्रदीप मालवीय,उज्जैन। महाशिवरात्रि को लेकर देशभर में उत्साह है. सभी शिव मंदिरों और शिवालयों को सजाया गया है. श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि का इंतजार है. महाशिवरात्रि के दिन महादेव की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है और भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग पर शिवभक्त जलाभिषेक करते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर का विशेष महत्व है. यहां 9 दिन अलग-अलग 9 रूपों में महाकाल का श्रृंगार किया जाता है.

पहला दिन – भगवान महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया गया. नया सोला व दुपट्टा धारण कराकर मुकुट, मुंडमाला, छत्र आदि आभूषण से श्रृंगार किया गया.

चंदन श्रृंगार

दूसरा दिन- शेषनाग श्रृंगार

तीसरा दिन – घटाटोप श्रृंगार

चौथा दिन – छबीना श्रृंगार

पांचवां दिन – होल्कर श्रृंगार

छठा दिन – मनमहेश श्रृंगार

सातवां दिन – उमा महेश श्रृंगार

आठवां दिन – शिव तांडव श्रृंगार

महाशिवरात्रि पर सप्तधान रूप में श्रृंगार कर फल और फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. बाबा महाकाल को सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे.

बता दें कि उज्जैन के महाकालेश्वर में इस बार महाशिवरात्रि पर दीपावली जैसे नजारा देखने को मिलेगा. पिछले साल 1 मार्च को महाशिवरात्रि पर उज्जैन के ही शिप्रा तट पर 11 लाख 71 हजार दीये जलाकर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था. इस साल भी रामघाट पर 21 लाख दीये जलाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है.

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